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पहले से ही मंदी, त्योहार पर न कराएं साप्ताहिक बंदी

नवरात्र से त्योहारी सीजन शुरू होने से खुश हैं व्यापारी फिलहाल प्रशासन से चाहते हैं कुछ और राहत ताकि नुकसान की भरपाई हो सके।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 04:07 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 04:07 AM (IST)
पहले से ही मंदी, त्योहार पर न कराएं साप्ताहिक बंदी
पहले से ही मंदी, त्योहार पर न कराएं साप्ताहिक बंदी

जासं, हाथरस : कोरोना काल को सात महीने बीत गए हैं। इस दौरान व्यापारियों का अनुभव अच्छा नहीं रहा। नवरात्र से त्योहारी सीजन शुरू हो गया है। इससे व्यापारियों को कुछ हद तक राहत मिली है। ऐसे में व्यापारी नहीं चाहते कि साप्ताहिक बाजार बंदी हो, क्योंकि इससे कारोबार प्रभावित होता है। जागरण ने जब व्यापारियों से बातचीत की तो ये बातें सामने आईं।

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हाथरस शहर में साप्ताहिक बंदी का दिन रविवार है। इसी प्रकार सिकंदराराऊ, सादाबाद, सासनी व अन्य कस्बों में भी साप्ताहिक बंदी के दिन तय कर रखे हैं। मार्च के आखीर में कोरोना काल शुरू होने पर जब महामारी पीक पर थी, तब बाजार पूरी तरह बंद हो गए थे। सिर्फ दवा, खाने-पीने की वस्तुओं की बिक्री पर छूट थी। वह भी निर्धारित समय पर दुकानें खुलवाकर या होम डिलीवरी से चीजें उपलब्ध कराई जा रही थीं। अन्य कारोबार बंद होने के कारण व्यापारियों में मंदी छाई हुई थी। अनलॉक होने पर हालात बदलने लगे लेकिन नवरात्र से पहले तक हालात ज्यादा अच्छे नहीं रहे। अब त्योहारी सीजन को लेकर व्यापारी उत्साहित नजर आ रहे हैं। उनका सुझाव है कि ऐसे में प्रशासन को साप्ताहिक बंदी के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए क्योंकि यही कमाने का समय है। बोले व्यापारी

अन्य सालों की तरह इस त्योहारी सीजन में व्यापार की स्थिति अच्छी नहीं है। अभी पूरी तरह से कोरोना काल खत्म नहीं हुआ है। त्योहारी सीजन में साप्ताहिक बंदी के लिए दुकानदारों को बाध्य नहीं करना चाहिए।

-विष्णु कुमार अग्रवाल, हाथरस ग्राहकों के पास अभी पैसे की कमी है। वे खाने-पीने की वस्तुओं को खरीदने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। त्योहारी सीजन को देखते हुए ऐसे में साप्ताहिक बंदी के लिए दबाव नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि कारोबार प्रभावित होगा।

-रमेश चंद्र अग्रवाल, हाथरस कोविड का समय अभी समाप्त नहीं हुआ है। अभी मंदी से उबरे नहीं है। अब त्योहार का समय चल रहा है। त्योहारी सीजन से व्यापारियों को काफी उम्मीद है। यदि प्रशासन थोड़ी राहत देगा तो व्यापार पटरी पर लौटेगा।

गोपाल वाष्र्णेय, सासनी त्योहार के सीजन में साप्ताहिक बंदी नहीं की जानी चाहिए। इससे कारोबार प्रभावित होता है। यदि अधिकारी बंदी के लिए बाध्य करेंगे तो उनसे ऐसा न करने की मांग की जाएगी।

किशन गोपाल गोयल, सादाबाद वर्जन-

साप्ताहिक बंदी को लेकर कोई नए आदेश नहीं हैं। पुरानी व्यवस्था ही लागू है। कोविड-19 का खतरा अभी टला नहीं है। लोगों से अपील है कि वह शारीरिक दूरी का पालन करते हुए खरीदारी करें।

-प्रवीण कुमार लक्षकार, डीएम हाथरस


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