राम का बाण लगते ही रावण धराशायी
दर्शकों को भाव विभोर कर गई रावण वध लीला बाड़े में लगी दर्शकों की भीड़
संस, हाथरस : रामलीला महोत्सव के तहत रविवार को बाड़े में रावण वध लीला का मंचन किया गया। दर्शकों की अच्छी खासी भीड़ थी।
रामलीला मंचन के दौरान आचार्य कृष्ण मुरारी व्यास ने बताया कि मेघनाद के वध के बाद रावण आपा खो बैठता है। माता सीता को आदर-सत्कार के साथ प्रभु राम को वापस करने की सलाह पर आग बबूला हो जाता है। जब सारे महारथी मारे जाते हैं तब रावण को मैदान में आकर युद्ध करना पड़ता है। विभीषण के इशारे पर राम जी एक साथ 31 बाण छोड़कर रावण का वध कर देते हैं। रावण के जमीन पर गिरते देख दर्शक जय श्रीराम के जयकारे लगाने लगते हैं। इस लीला के मंचन के साथ ही रामलीला को विश्राम दे दिया गया है। शहर में देर रात रावण
के पुतले का दहन
शहर में रावण दहन भले ही पालीटेक्निक के मैदान में नहीं हुआ मगर रात में शहर में कई स्थानों पर रावण के पुतले का दहन किया गया।
अलीगढ़ रोड के मुंशी गजाधर सिंह मार्ग, बुर्जवाला कुआं, पुराना मिल कंपाउंड, मेंडूगेट आदि स्थानों पर रावण के पुतलों का दहन किया गया। रामलीला में रावण वध से पहले काली का प्रदर्शन भी हुआ। रावण मरते ही बाड़े के आसपास जमकर आतिशबाजी की गई। बूलगढ़ी में रावण का पुतला फूंका
जासं, हाथरस : बूलगढ़ी प्रकरण को लेकर गांव में सन्नाटे का आलम है। मृतका के स्वजन की सुरक्षा के साथ माहौल शांत बनाए रखने के लिए फोर्स भी तैनात है। इन सबके बीच विजयादशमी को लेकर गांव के बच्चों में उत्साह दिखा। बच्चों ने रावण का पुतला बनाकर दहन की तैयारी की थी। गांव के बच्चे हर साल त्योहार मनाते रहे हैं। गांव के बाहरी हिस्से में मृतका और आरोपितों के घर बने हुए हैं। उन्हीं के सामने बाजरा कटने के बाद खेत खाली हुआ है। इसी स्थान पर पुतले को खड़ा किया था। पुतले को फुल स्लैब की बनियान के साथ पैंट पहना रखी थी। उसके अंदर पटाखे भी रखे हुए थे। शाम सात बजे के बाद बच्चों ने पुतले में आग लगा दी। पटाखों की आवाज के साथ पुतला जला तो बच्चे उछल पड़े।