श्रीराम के प्रति आस्था का प्रतीक है मंदिर रामदरबार
आज एक हजार दीपक जलाकर करेंगे आरती सीता विवाह व विशेष आयोजन होंगे मंदिर के प्रमुख आकर्षण
जासं, हाथरस : जब अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है, तब शहर में भगवान राम के प्रति आस्था का प्रतीक अलीगढ़ रोड पर स्थित रामदरबार मंदिर भी उत्सव में डूबेगा। सफेद संगमरमरी छटा दीपकों की लौ में श्रद्धालुओं को और आकर्षित करेगी। दरअसल इस मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है। एक हजार दीपक जलाकर भगवान राम की आरती की तैयारी है।
मंदिर का इतिहास : समाजसेवी कैलाश चंद बूटिया भगवान राम व हनुमान जी के परम भक्त थे। उन्होंने ही राम दरबार मंदिर की शुरुआत वर्ष 2003 में कराई थी। सात जुलाई 2007 को मंदिर बनकर तैयार हुआ था। सभी मूर्तियां जयपुर से मंगाई थी। मंदिर में नवरत्न लगे हुए हैं। मंदिर के पांच शिखर हैं। सबसे ऊंची शिखर 80 फुट की है। पूरा मंदिर सफेद मकराना पत्थर से बना है। इसे बनाने से पूर्व वर्षों तक बूटिया ने राम नाम लिखने के लिए किताबें बांटने का अभियान चलाया था। मंदिर में गणेश, राधा-कृष्ण, रामदरबार, शिव-पार्वती, हनुमान व मां दुर्गा आदि की प्रतिमाएं विराजमान हैं। मंदिर एक हजार वर्ग गज में बना हुआ है।
यह होते हैं कार्यक्रम : तड़के पांच बजे मंगला आरती, 5.30 बजे शहर में संकीर्तन यात्रा, नौ बजे श्रृंगार आरती, 12 बजे राजभोग आरती के बाद पट बंद हो जाते हैं। उसके बाद शाम पांच बजे खुलने के बाद 6.30 आरती और 9 बजे आरती के साथ पट फिर बंद हो जाते हैं। इसके बाद बड़े कार्यक्रमों में आठ अप्रैल को हनुमान जयंती, सात जुलाई को वार्षिकोत्सव के अलावा नवरात्र, सीताराम विवाह, शिवरात्रि व कृष्ण जन्माष्टमी आदि पर बड़े कार्यक्रम होते हैं। इनका कहना है
पिताजी भगवान राम व हनुमान जी के परम भक्त थे। उनकी प्रेरणा से हमारा परिवार आज भी भक्ति के पथ पर चलते हुए सामाजिक कार्यो में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
-मनोज बूटिया, मुख्य व्यवस्थापक