आलू उगलेगा सोना, किसानों की बल्ले-बल्ले
-आलू उत्पादन का क्लस्टर बनने से बढ़ेगी किसानों की आय सुखद- -गत तीन वर्षों से घाटा झेल रहे आलू उत्पादक किसानों को मुनाफे की आस -खेत से आलू के कलेक्शन, छंटाई, ग्रे¨डग, पैके¨जग से होगा फायदा
संवाद सहयोगी, हाथरस: केंद्र सरकार की किसान संपदा योजना के अंतर्गत ऑपरेशन ग्रीन के तहत हाथरस में आलू का क्लस्टर विकसित करने की योजना से आलू किसानों की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। पिछले तीन वर्ष से आलू उत्पादन में घाटा झेल रहे किसानों को क्लस्टर बनने से मोटा मुनाफा होने की उम्मीद है। किसानों की मानें तो खेत से ही आलू के कलेक्शन, छंटाई, ग्रे¨डग और पैके¨जग से किसानों की लागत में कमी तो आएगी ही, उनका मुनाफा भी कई गुना हो जाएगा।
बता दें कि पिछले तीन वर्ष से आलू उत्पादन में किसानों को घाटा उठाना पड़ रहा था। इस वर्ष आलू के भाव ने भले ही घाटे में नहीं रहने दिया है, लेकिन वह गत दो वर्ष का घाटा अभी पूरा नहीं कर सका है। इसीलिए उसे अगले वर्ष भी आलू से मुनाफे की आस बंधी है। इसीलिए आलू हब के रूप में प्रसिद्ध इस जिले में किसानों को फिर से अधिक रकवा बढ़ाकर आलू से मुनाफा कमाने की उम्मीद जागी है। ऐसे में अगर जिले को आलू उत्पादन का क्लस्टर बनाया जाता है तो किसानों की आय कई गुना बढ़ जाएगी। यह है योजना : यह योजना इंटीग्रटेड वैल्यू डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के रूप में आगे बढ़ाई जाएगी। इसके तहत किसानों को अच्छी क्वालिटी का बीज, खेत के पास से आलू का भंडारण, छंटाई, ग्रे¨डग, पैके¨जग, बिक्री के साथ-साथ प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस योजना से किसानों के साथ-साथ निवेशक भी जोड़े जाएंगे। इसमें निवेशक को निवेश का 50 फीसद और किसानों को 70 प्रतिशत अनुदान देने की योजना है। किसानों के बोल -
आलू का घाटा केवल आलू उत्पादन से ही पूरा किया जा सकता है। क्लस्टर बनने से किसानों को मुनाफा बढ़ेगा ।
- ओमवीर ¨सह, करसौरा, सादाबाद
- आलू को कोल्ड स्टोर या मंडी तक ले जाने में अतिरिक्त खर्च होता है। खेत से ही भंडारण होने से किसानों को राहत मिलेगी।
- रूपेंद्र ¨सह, कुरसंडा आलू उत्पादन बेहद जोखिम भरा है। इसमें मुनाफे के बारे में पहले से कुछ नहीं कहा जा सकता है। अनुदान की योजना से किसानों को बढ़ावा मिलेगा।
सतेंद्र फौजदार, कुरसंडा
----
इंसेट..
पांच वर्ष में आलू का रकवा-
वर्ष रकवा
2013-14 37000 हेक्टेयर
2014-15 39000 हेक्टेयर
2015-16 42000 हेक्टेयर
2016-17 45000 हेक्टेयर
2017-18 45000 हेक्टेयर
2018-19 48000 हेक्टेयर इनका कहना है..
जिले को आलू उत्पादन में क्लस्टर बनाने संबंधी दिशा-निर्देश मिल गए हैं। इसके तहत सीड प्रोसे¨डग का काम भी शुरू करा दिया है। इन दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर उत्पादन बढ़ाने का काम किया जाएगा। -गमपाल ¨सह, जिला उद्यान अधिकारी