विमल की मौत की वजह स्पष्ट नहीं कर सकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट
चाट के पैसे मांगने पर पुलिस वालों ने पीटा था दिव्यांग दलित को फॉलोअप मृतक के शरीर पर चोट का एक भी निशान नहीं, विसरा सुरक्षित रखा ग्रामीणों ने उठाई महिला को सरकारी नौकरी देने व मुआवजे की मांग
जागरण संवाददाता, हाथरस : पुलिस की पिटाई से विमल (45) की मौत का कारण यहां के चिकित्सक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं कर सके। मौत की वजह साफ न होने के कारण विसरा सुरक्षित रखा गया है। मृतक के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं पाए गए हैं। इधर मंगलवार की दोपहर कड़ी सुरक्षा में शव की अंत्येष्टि की गई। इस दौरान तमाम नेता उपस्थित रहे।
नगला भोजा के विमल उर्फ बमबोली ढकेल पर आलू की चाट बेचते थे। पत्नी पुष्पा देवी का आरोप है कि एचडीएफसी बैंक के सामने सादाबाद गेट चौकी इंचार्ज आशीष यादव ने विमल के साथ मारपीट की, जिससे उनकी मौत हो गई। इस घटना को लेकर सोमवार की रात आगरा रोड पर जमकर बवाल हुआ था। वाहनों में तोड़फोड़ व पुलिस के साथ मारपीट हुई। ढाई घंटे तक रोड पर बवाल चलता रहा। मुकदमा दर्ज करने व मुआवजे के आश्वासन पर मामला शांत हुआ था। आशीष व दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें दारोगा आशीष यादव का निलंबन भी हो गया है। मामला संवदेनशील होने के कारण प्रशासन ने देर रात ही पोस्टमार्टम कराया। एसपी जयप्रकाश के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह साफ नहीं हो सकी है। इसलिए विसरा सुरक्षित रखा गया है।
होगी त्रिस्तरीय जांच :
विमल की मौत में त्रिस्तरीय जांच की जा रही है। एक जांच मुकदमे की हो रही है तथा एक जांच दारोगा के निलंबन के बाद विभागीय की जा रही है। इसके अलावा प्रकरण में मजिस्ट्रेटी जांच भी होगी। एसपी ने बताया कि मामला गंभीर होने के कारण हर पहलू की पड़ताल की जाएगी।
कड़ी सुरक्षा में हुई अंत्येष्टि :
रात से ही नगला भोजा में भारी संख्या में लोग मृतक के घर पर जमा रहे। सुबह दलित समाज के नेता भी पहुंच गए। दोबारा हंगामे के डर से रात से ही फोर्स तैनात किया गया था। अलीगढ़ के थाना विजयगढ़, मडराक व गंगीरी, एटा के पिलुआ व मिरहची, कासगंज के ढोलना व सुन्नगढ़ी थाने की फोर्स बुलाई गई थी। इसके अलावा एटा व कासगंज से सीओ भी आए थे। दो शिफ्ट में फोर्स तैनात की गई। हाथरस के कई थानों का फोर्स व पीएसी भी मौजूद रही। इनसेट-
सरकारी नौकरी व 50
लाख मुआवजे की मांग
विमल की मौत के बाद से उनकी पत्नी पुष्पा देवी के सामने बच्चों के पालन-पोषण का संकट खड़ा है। परिवार की दयनीय स्थिति देखते हुए दलित समाज के नेताओं ने पुष्पा देवी को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग रखी। इसके अलावा 50 लाख रुपये मुआवजा मांगा है। इस दौरान बसपा नेता रामेश्वर उपाध्याय, मनोज सोनी, दलित समाज के नेता लल्लनबाबू एडवोकेट, ब्रजमोहन राही, दिनेश देशमुख आदि मौजूद रहे। इन लोगों ने परिवार को ढाढ़स बंधाया। वहीं मौके पर पहुंचे अधिकारियों से परिवार की हर संभव मदद की मांग की।