वाट्सएप पर सामाजिकता दिखा रही पुलिस
सराहनीय प्रयास -हर थाने के वाट्सएप ग्रुप में समाज के हर वर्ग को जोड़ने की कवायद -सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान व समस्या के समाधान के लिए उठाया कदम
जागरण संवाददाता, हाथरस: पुलिस को पब्लिक फ्रेंडली बनाने की दिशा में यूपी पुलिस ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। डिजिटल वालंटियर्स जरिए पुलिस पब्लिक से जुड़ने का प्रयास कर रही है। इसके लिए सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।
महकमे में बदलाव: यह यूपी पुलिस का बदला स्वरूप है। पिछले कुछ सालों में फेसबुक व वाट्सएप जैसे एप्लीकेशन्स ने महकमे में क्रांति ला दी है। अब अधिकारियों व अधीनस्थों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान साक्ष्य के साथ होने लगा है। अधिकारी को मौके पर जाकर यह देखने की जरूरत नहीं कि उनके निर्देशों का पालन हो रहा है या नहीं। महकमे में वाट्सएप का चलन इतना है कि पूरे प्रदेश के पुलिसकर्मियों का ग्रुप बना हुआ है। इसी तरह पुलिस मीडिया ग्रुप भी संचालित कर रही है, जिससे त्वरित सूचनाएं दी जा सकें।
यह है प्रयास: वाट्सएप ग्रुप से व्यापारियों से जुड़ने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि समाज में होने वाली हर गतिविधि की जानकारी पुलिस तक पहुंचे। व्यापारी अपनी समस्या से तत्काल पुलिस को अवगत करा सकें। इस काम में पुलिस जुटी है। प्रयास है कि किसी भी घटना व शहर में चल रही समाज विरोधी गतिविधियों की सूचना तुरंत मिल जाए।
दलालों से दूरी: इस ग्रुप से उन लोगों को नहीं जोड़ा जाएगा जो अकसर किसी न किसी मामले को लेकर थानों में मंडराते रहते हैं। ऐसे पैरवीकर्ताओं व खराब छवि वाले लोगों को ग्रुप से दूर रखा जाएगा।
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ग्रुप से जुड़े लोग मांग रहे आई-कार्ड
थानों के वाट्सएप ग्रुप से जोड़े लोग भी पुलिस के लिए सिरदर्द बन रहे हैं। ग्रुप एडमिन द्वारा गुड मॉर्निग, गुड नाइट आदि फालतू संदेशों को ना डालने की गुजारिश की जा रही है, लेकिन फिर भी लोग ग्रुप पर बिना काम के संदेश भेज ही देते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों ने तो आई-कार्ड मांगने शुरू कर दिए हैं, जिससे वे समाज में पुलिस का प्रतिनिधित्व कर सकें।
इनका कहना है
सोशल मीडिया संदेश प्रसारित करने का सुलभ तरीका है। लेकिन इससे अफवाह भी आसानी से फैलती हैं। इसलिए डिजिटल वालंटियर्स के सहारे आपातकालीन परिस्थिति पर सही जानकारी मिल सके।
जयप्रकाश, एसपी