खूब बिका घेवर, दोपहर में समाप्त
रक्षाबंधन पर सुबह से ही मिठाई की दुकानों पर लगी रही भीड़ बूरा खाने व सोहगी देने की परंपरा का भी किया गया निर्वहन
जासं, हाथरस : रक्षाबंधन के पर्व पर घेवर का प्रचलन है। हलवाइयों की दुकानों पर सुबह से ही भीड़ लगी रही। नामचीन दुकानों की बात छोड़ो, अन्य दुकानों पर भी दोपहर बाद घेवर समाप्त हो गया। लोगों ने अन्य मिठाइयां खरीदकर काम चलाया। नमकीन, चाकलेट व अन्य सामान के गिफ्ट पैक भी खूब बिके।
श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। इस दिन ससुराल में बूरा खाने की परंपरा भी रही है। हालांकि अब इसका प्रचलन काफी कम हो गया है, मगर ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी है। शादी के बाद पहली बार पड़ने वाले रक्षाबंधन पर लोग अपनी ससुराल सोहगी लेकर जाते हैं। इसमें सुहाग का सामान होने के साथ पटरी, झूला आदि होता है। ससुराल पहुंचने पर दामाद की खूब आवभगत होती है। ग्रामीण अंचलों में महिलाओं ने गीत मल्हार भी गाए। तमाम लोग सुबह से ही बाइक, कार, बसों, ट्रेनों व डग्गेमार वाहनों से ससुराल जाते दिखे।
घेवर न मिलने पर लोगों को अन्य सामान नमकीन, चाकलेट आदि खरीदने पड़े। दोपहर बारह बजे के बाद तो बाजारों में रौनक समाप्त हो गई।