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पीएफआइ-सीएफआइ सदस्यों की वीडियो कांफ्रेंसिग से पेशी संभव

बुलगढ़ी कांड में दंगा कराने की साजिश में बनाए गए हैं मुल्जिम

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 12:59 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 05:07 AM (IST)
पीएफआइ-सीएफआइ सदस्यों की  वीडियो कांफ्रेंसिग से पेशी संभव
पीएफआइ-सीएफआइ सदस्यों की वीडियो कांफ्रेंसिग से पेशी संभव

संस, हाथरस : बूलगढ़ी में युवती की मौत की आड़ में यूपी में जातीय हिसा भड़काने की साजिश से 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' (पीएफआइ) और उसके सह संगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआइ) का नाम आया था। पिछले दिनों मथुरा में पकड़े गए पीएफआइ-सीएफआइ के चार सदस्यों को हाथरस पुलिस भी रिमांड पर लेगी। इसके लिए पुलिस ने बी-वारंट मथुरा जेल में दाखिल किया था। सोमवार को चारों आरोपितों की वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए पेशी हो सकती है।

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हाथरस की मृतका के मामले में जातीय हिसा, दंगा कराने की साजिश रची गई थी। मृतका के परिवार 50 लाख रुपये दिलाने के प्रलोभन का ऑडियो वायरल होने के बाद खुफिया तंत्र सक्रिय हुआ और चार लोग मथुरा पुलिस के हत्थे चढ़े।

हाथरस के चंदपा थाने में भी जातीय हिसा की साजिश में अज्ञात लोगों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह समेत 20 संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। मथुरा पुलिस द्वारा पकड़े गए अतीक उर रहमान, निवासी-नगला थाना रतनपुरी मुजफ्फरनगर, सिद्दीकी निवासी बेंगारा थाना मल्लपुरम, मसूद अहमद, निवासी-जरवल थाना व कस्बा जरूर रोड जनपद बहराइच और आलम निवासी घेर फतेह खान थाना कोतवाली जनपद रामपुर के पास से लैपटॉप, मोबाइल और अन्य सामग्री बरामद हुई थी। बी-वारंट मथुरा जेल में दाखिल किया जा चुका है। पुलिस अधीक्षक विनीत जयसवाल का कहना है कि यह न्यायिक प्रक्रिया है, चारों आरोपितों की पेशी सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए हो सकती है।


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