लोगों को मौत के मुंह में धकेल रहे झोलाछाप
झोलाछाप चिकित्सकों के उपचार से ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन होती हैं मौते कार्रवाई नहीं हो पाती
संवाद सहयोगी, हाथरस : स्वास्थ्य विभाग झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ दिखावटी अभियान चलाता है और कागजी कार्रवाई होती है। परिणामस्वरूप झोलाछाप चिकित्सकों के इलाज से लगातार मौतें हो रही हैं। जब तक इनपर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, मौतों का सिलसिला रुकेगा नहीं।
सीएमओ ने भेजी टीम :
चंदपा के गांव परसारा में 10 वर्षीय बालिका की मौत का मामला डीएम तक पहुंचने के बाद सीएमओ डॉ. ब्रजेश राठौर ने गांव में टीम भेजी। परिजनों से बातचीत की गई। अभी यह तय नहीं हो पाई है कि स्वास्थ्य विभाग झोलाछाप के खिलाफ क्या कार्रवाई करने जा रहा है।
झोलाछापों पर नहीं है अंकुश :
झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्रवाई के लिए सीएमओ स्तर से एसीएमओ को नोडल अधिकारी बनाकर उन्हें जिम्मेदारी दी गई है। नोडल अधिकारी टीम के साथ संबंधित क्षेत्र में जाकर एसडीएम को साथ लेकर झोलाछाप चिकित्सकों तथा अवैध रूप से संचालित पैथोलाजी सेंटर पर कार्रवाई करते हैं, मगर यह कार्रवाई असरदार नहीं है। इनकी सुनो
बालिका की मौत की जानकारी मिलने पर गांव में टीम भेजी थी। टीम से यह भी पड़ताल कराई जा रही है कि चिकित्सक के पास पंजीकरण था या नहीं। डीएम स्तर से जो निर्देश आएंगे, उनके अनुसार आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
डॉ. ब्रजेश राठौर, सीएमओ, हाथरस
पिछले कुछ माह में हुईं मौतें
-गांव खासपुर निवासी 6 वर्षीय डिपल पुत्री विनोद कुमार की बुखार के चलते मौत
-मोहल्ला मटकोटा निवासी 28 वर्षीय किशवर पुत्री कासिम की मौत
-चार वर्षीय गुड़िया निवासी गांव सिधौली की मौत।
-सपना पत्नी माखनलाल निवासी गांव भुजपुरा, थाना सिढपुरा एटा की मौत।
-हसायन के खासपुर में बुखार से छह वर्षीय बच्ची लाडों की मौत।
-हसायन के सिधौली में दस वर्षीय बालिका सीमा की हुई थी बुखार से मौत।
-बनवारीपुर में आठ माह के बच्चे की डायरिया से हुई थी मौत।
- मुरसान में 12 वर्षीय बालिका की हुई थी बुखार से मौत।
-10 सितंबर को मुरस्कान अस्पताल में महिला व उसके नवजात की मौत।