पंगे के खौफ से नहीं लगी 'पद्मावत'
संवाद सहयोगी, हाथरस : रिलीज के पहले दिन शहर के लोगों का फिल्म पद्मावत को देखने का सपन
संवाद सहयोगी, हाथरस : रिलीज के पहले दिन शहर के लोगों का फिल्म पद्मावत को देखने का सपना अधूरा रह गया। चु¨नदा युवकों के विरोध के चलते लक्ष्मी टॉकीज में फिल्म प्रदर्शित नहीं हो सकी। प्रदर्शन के दौरान पुलिस मूक दर्शक बनी रही। बस इस बात का ख्याल रखा गया कि कहीं तोड़फोड़ व ¨हसा न हो। बवाल के डर से लोग टिकट घर तक भी नहीं पहुंचे। सिनेमाघर संचालक ने फिल्म दिखाने की घोषणा जरूर की थी, लेकिन हॉल के बाहर दो पोस्टर के अलावा कोई तैयारी नजर नहीं आई। पुलिस प्रशासन ने भी फिल्म के संचालन पर कोई जोर नहीं दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी फिल्म का विरोध जारी है। शहर के तीन सिनेमाघरों में से माया व लक्ष्मी टॉकीज के पास फिल्म पद्मावत पहुंची है। दोनों ने वितरक से दो-दो हफ्ते के चार-चार शो का एग्रीमेंट कराया है। इस एग्रीमेंट के बावजूद दोनों सिनेमाघर संचालकों ने विरोध के चलते रिलीज के दिन फिल्म दिखाने से हाथ खड़े कर दिए। गुरुवार को लक्ष्मी टॉकीज के मालिक पूपेंद्र ¨सह कोतवाली सदर पहुंचे तथा दोपहर तीन बजे से शो दिखाने की जानकारी देते हुए फोर्स की मांग की। इसके बाद वे एएसपी डा. अर¨वद कुमार से मिले। डीजीपी के आदेश होने के कारण पुलिस ने सुरक्षा दिलाने का आश्वासन दिया। पूपेंद्र ¨सह ने डीएम से भी फोन पर बात की। दोपहर 12 बजे ही क्यूआरटी सिनेमाघर के बाहर तैनात कर दी गई। पुलिस ने बेरीके¨डग कराई। सिनेमाघर पर पद्मावत के दो पोस्टर चिपका दिए गए। होर्डिंग भी लगाया जाना था, लेकिन तब तक राष्ट्रवादी प्रताप सेना, क्षत्रिय महासभा व अन्य संगठनों के कार्यकर्ता वहां पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के चलते कोतवाली सदर व चंदपा थाने का फोर्स मौके पर पहुंच गया। अग्निकांड से निपटने के लिए दमकल की गाड़ी भी मंगा ली गई।
युवक सिनेमाघर संचालक, फिल्म निर्माता व फिल्म अदाकारा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सिनेमाघर के बाहर बैठ गए। उन्होंने पोस्टर फाड़ने की मांग की। सीओ सिटी सुमन कनौजिया, नायब तहसीलदार मनोज वाष्र्णेय, शहर कोतवाल जसपाल ¨सह पंवार व एसओ चंदपा विनोद कुमार ने इन्हें समझाने का प्रयास किया, पर प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते रहे। दोपहर दो बजे से शुरू हुआ प्रदर्शन शाम छह बजे तक चला। इसके बाद पुलिस कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर कोतवाली सदर ले आई। कार्यकर्ता बाजार में नारेबाजी करते हुए कोतवाली पहुंचे। पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्हें 10-10 हजार के निजी मुचलकों पर छोड़ा गया। इनमें योगेंद्र कुमार, निशांत चौहान, नीरेश कुमार ¨सह, नितिन ¨सह सेखावत, मतेंद्र ¨सह व विवेकशील राघव शामिल थे। प्रदर्शन में प्रताप सेना के ब्रजप्रांत अध्यक्ष गोपाल, सतीश पौरुष, रघुवीर ¨सह, लक्ष्मण ¨सह, राजकुमार आदि शामिल थे।
इनका कहना है
22 जनवरी को अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा के पदाधिकारी मिले थे तथा फिल्म न दिखाने का आग्रह किया था। फिल्म विवादित होने के कारण उन्हें फिल्म न दिखाने का आश्वासन दिया था, लेकिन 24 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया। इसलिए फिल्म दिखाने का मन बनाया। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का भी सपोर्ट था। गुरुवार की दोपहर से शो शुरू होना था। जो लोग विरोध कर रहे थे, वे भी समाज के हिस्से हैं। हम नहीं चाहते ही शहर के हालात खराब हों। इसलिए फिल्म प्रदर्शित नहीं की। शुक्रवार को भी यदि विरोध रहता है तो सुबह का शो नहीं चलेगा। इसके बाद डीएम व एसपी ने शो चलवाने का आश्वासन दिया है।
पूपेंद्र ¨सह, संचालक, लक्ष्मी टॉकीज
हम फिल्म का एग्रीमेंट कर चुके हैं, लेकिन जब तक संगठन विरोध करेंगे तब तक फिल्म नहीं चलाएंगे। सभी संगठनों की संतुष्टि के बाद फिल्म प्रदर्शित की जाएगी। जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
सुनील अग्रवाल, संचालक, माया टॉकीज