नियम विरुद्ध मृतक आश्रित नौकरी देने में फंस सकते हैं अफसर
शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने कराई एडीएम वित्त एवं राजस्व से प्रकरण की जांच नियमों का मखौल जांच में मिली गड़बड़ी जिलाधिकारी ने अब शासन को भेजी पूरी रिपोर्ट शासन तक मामला पहुंचने के बाद कृषि विभाग में मची है खलबली
जागरण संवाददाता, हाथरस : नियम विरुद्ध नौकरी देने में कृषि विभाग के कई अफसर फंस सकते हैं। डीएम की ओर से कराई गई जांच में यह सच सामने आया है। जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही कुछ अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है। शासन तक मामला पहुंच जाने के बाद कृषि विभाग में खलबली मची है।
यह है मामला : नागरिक कल्याण एवं भ्रष्टाचार अपराध निवारण समिति के राष्ट्रीय महासचिव अजय कुमार शर्मा निवासी विवेकानंद कालोनी अलीगढ़ रोड ने आठ जुलाई 2019 को शिकायत की थी। बताया था कि अशोक कुमार जैन कृषि विभाग में लिपिक पद पर कार्यरत थे। उनकी पत्नी बीना जैन स्वास्थ्य विभाग में एएनएम पद पर थीं। अशोक कुमार की मौत के बाद उनके बेटे मनीष जैन को कृषि विभाग में नौकरी मिल गई थी। बीना जैन की मृत्यु के बाद दूसरे बेटे विशाल जैन को स्वास्थ्य विभाग में नौकरी मिल गई, जो नियमों के विरुद्ध है।
डीएम ने कराई एडीएम से जांच
डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने इस शिकायत की जांच एडीएम वित्त एवं राजस्व जेपी सिंह को सौंपी। जांच अधिकारी ने उप कृषि निदेशक हाथरस और सीएमओ हाथरस से आरोपों पर आख्या मांगी। जांच आख्या में बताया गया कि अशोक कुमार जैन एवं बीना जैन दोनों सरकारी सेवा में थे। अशोक जैन की मृत्यु के बाद बेटे मनीष जैन ने आवेदन किया था, जिसमें आवेदक ने कहा था कि उनकी मां स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं। ऐसे में मनीष का आवेदन पत्र अधिकारियों को निरस्त किया जाना चाहिए था, मगर ऐसा नहीं किया गया। यह कृत्य सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली 1974 के नियम पांच एवं मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती चतुर्थ संशोधन नियमावली 1994 के नियम पांच, एक का उल्लंघन है। कब का है पूरा मामला
मनीष के पिता अशोक जैन की मृत्यु आठ जुलाई 1999 को हुई थी। तब मनीष ने नौकरी के लिए कृषि विभाग में आवेदन किया था। इसमें मनीष ने अपनी मां बीना के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सासनी में कार्यरत होना दर्शाया था।
शिकायत कर्ता के अनुसार मनीष की नियुक्ति तत्कालीन नियंत्रक उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी हाथरस, नियुक्ति प्राधिकारी-उप कृषि निदेशक (प्रसार) अलीगढ़, अनुमोदनकर्ता व स्वीकृतिकर्ता संयुक्त कृषि निदेशक (प्रसार) आगरा व अपर कृषि निदेशक (प्रशासन) लखनऊ के द्वारा की गई है।
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कृषि विभाग के एक कर्मचारी के खिलाफ शिकायत मिली थी। जांच आख्या में पाया कि नियुक्ति में नियमों की अनदेखी की गई है। जांच रिपोर्ट निदेशक कृषि को भेज दी गई है।
-प्रवीण कुमार लक्षकार, डीएम हाथरस। हां, यह सही है कि पिता की जगह मृतक आश्रित में नौकरी पाने के लिए वर्ष 2000 में आवेदन किया था। मेरे स्तर से किसी तथ्य को छिपाया नहीं गया था। उल्लेख किया गया था कि मां स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करती हैं।
मनीष जैन, कर्मचारी कृषि विभाग। वर्जन -
कृषि विभाग के अधिकारियों ने नियमों की पूरी तरह से अनदेखी कर नियुक्ति की थी। जो पूरी तरह से गलत है। यह बात डीएम की ओर से कराई गई जांच में साफ हो गई है। नियमों का मखौल उड़ाने वाले अफसरों पर कार्रवाई जरूरी है।
अजय कुमार शर्मा, सचिव अपराध निवारण समिति।