अब विकास की कसौटी पर परखेंगे युवाओं की नई सोच
फोर्टी प्लस वाले अनुभवियों को जनमत ने किया दरकिनार एक हाईस्कूल दो इंटरमीडिएट तो पांच हैं स्नातक तक शिक्षित।
किशोर वाष्र्णेय, हाथरस : सादाबाद के ग्रामीण क्षेत्र में मतदाताओं की सोच बदल रही है। उम्रदराज प्रत्याशियों की तुलना में युवाओं को वरीयता दे रहे हैं। ब्लॉक में हाल ही में हुए प्रधान पद के चुनाव में आठ ग्राम पंचायतों में युवाओं के हाथ में ग्रामीणों ने कमान सौंपी हैं। ये नवनिर्वाचित प्रधान 30 वर्ष से कम उम्र के हैं। इन युवाओं ने 40 से अधिक उम्र वालों को पटखनी देकर जनमत हासिल किया है। गांव में विकास की उम्मीद की किरण इन शिक्षित युवाओं में देखते हुए ग्रामीणों ने अनुभवी लोगों को वरीयता देना उचित नहीं समझा। ग्राम पंचायत पट्टी बहराम, मीरपुर, अरोठा, धानोटी, बिलारा, बेदई, तामसी तथा बीजलपुर में 23 से 28 वर्ष तक के युवाओं को प्रधान बनाया है जिसमें तीन महिला प्रधान भी शामिल हैं।
आठ नवनिर्वाचित प्रधानों में हाई स्कूल से लेकर स्नातक तक शिक्षित हैं। स्नातक तथा कम उम्र के प्रधान बनाने के पीछे मंशा यही रही है कि ग्राम पंचायतों में बेहतर विकास कार्य कराए जा सकें। ग्रामीणों का अनुभव रहा है कि उम्रदराज प्रधानों ने उनकी उम्मीदों के हिसाब से विकास नहीं किया है। अपने मन से जहां जो कार्य करा दिया, वही कार्य ग्राम पंचायतों में हुए। विकास की बात कहने पर अधिकतर तनातनी का माहौल बन जाता था। कम उम्र के इन शिक्षित युवाओं को जनमत देकर स्पष्ट कर दिया है कि वे युवाओं की गांव में सरकार चाहते हैं। नई सोच और ²ष्टिकोण अब जनता के बीच प्रस्ताव बनने के बाद ही कार्य होंगे। ये हैं इलाके के युवा प्रधान
ग्राम पंचायत, प्रधान, उम्र, योग्यता
पट्टी बहराम, लवली देवी, 23 वर्ष, हाईस्कूल
मीरपुर, नीलम देवी, 24 वर्ष, स्नातक
अरौठा, पूनम चौधरी, 25 वर्ष, स्नातक
धानौटी, नीरज कुमार, 26 वर्ष, स्नातक
बिलारा, दीपेश कुमार, 26 वर्ष, इंटर
बेदई, मोहित चौहान, 28 वर्ष, इंटर
तामसी, धर्मेंद्र कुमार, 28 वर्ष, स्नातक
बीजलपुर, साबिर मालिक, 28 वर्ष, स्नातक