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राष्ट्रवाद की हवा बनी सुनामी

हाथरस में जातिवाद चारों खाने चित धरे रह गए गठबंधन के जातीय आंकड़े नतीजों को नमन हाथरस सीट पर मोदी के लिए ऐसी मतवर्षा हुई कि सारे रिकॉर्ड टूट गए भाजपा प्रत्याशी ने छह लाख से अधिक वोट पाकर भी रिकॉर्ड बनाया

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 01:52 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 01:52 AM (IST)
राष्ट्रवाद की हवा बनी सुनामी

हिमांशु गुप्ता, हाथरस :

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हाथरस सुरक्षित सीट पर इस बार जातिवाद और राष्ट्रवाद के बीच सीधी जंग मानी जा रही थी। राष्ट्रवाद की आंधी चुनाव तक ऐसी सुनामी में तब्दील हुई कि जातिवादी विचारधारा चारों खाने चित हो गई। मोदी के लिए ऐसी मतवर्षा हुई कि सारे रिकॉर्ड टूट गए। भाजपा प्रत्याशी ने छह लाख से अधिक वोट पाकर रिकॉर्ड बना दिया।

हाथरस लोकसभा सीट पर दलित वोटरों की संख्या अच्छी खासी है। इसमें सबसे ज्यादा जाटव मतदाता हैं। इसका फायदा गठबंधन प्रत्याशी रामजी लाल सुमन जाटव को मिलना तय माना जा रहा था। सादाबाद उनका गृह क्षेत्र होने को भी गठबंधन वाले अपने पक्ष में लहर मान रहे थे। वहीं सिकंदराराऊ, छर्रा में मुस्लिम यादव-फैक्टर के साथ गठबंधन समर्थक जीत का दंभ भर रहे थे। रालोद गठबंधन का हिस्सा था तो माना जा रहा था कि उनका परंपरागत जातिगत वोट भी गठबंधन को मिलेगा। वहीं भाजपा सवर्ण, पिछड़े और आधे से ज्यादा दलित मतदाताओं के जरिए अपनी जीत का दावा कर रही थी। लेकिन चुनाव से कुछ दिन पहले पुलवामा हमला और इसके बार एयर स्ट्राइक ने राष्ट्रवाद की ऐसी आंधी चलाई कि सारे दावे धरे रह गए। रही सही कसर कांग्रेस ने राष्ट्रदोह कानून और अफस्पा में बदलाव की बात कहकर पूरी कर दी। इससे मोदी के समर्थन में माहौल बन गया। 'मोदी है तो मुमकिन है' जैसे स्लोगन लोगों की जुबान पर आ गए थे। सोशल मीडिया भी मोदीमय था। स्थानीय मुद्दों का कोई जिक्र नहीं था। नामांकन से एक दिन पहले 25 मार्च को भाजपा ने अपने प्रत्याशी की घोषणा की, इसको भी लोगों ने दरकिनार कर दिया। 18 अप्रैल को हुए मतदान तक हाथरस में कड़ा मुकाबला माना जा रहा था, लेकिन गुरुवार को आए परिणाम ने पूरी तस्वीर ही बदल दी। ऐसा हुआ जो किसी ने सोचा तक नहीं था। भाजपा प्रत्याशी राजवीर दिलेर ने छह लाख से अधिक वोट हासिल कर नया रिकॉर्ड बना दिया। जाट लैंड में रचा इतिहास

हाथरस लोकसभा क्षेत्र में शामिल इगलास और सादाबाद विधानसभा क्षेत्र जाट बाहुल्य हैं। राष्ट्रवाद का ही असर है कि यहां भी भाजपा ने इतिहास रचा है। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में बड़ी संख्या में युवा सेना में तैनात हैं। कारगिल युद्ध में भी इन क्षेत्रों के कई जवान शहीद हुए थे। इसलिए मोदी की ओर से सेना के लिए उठाए गए कदम से यहां भाजपा के लिए वोटों की बरसात हुई है। भाजपा को इगलास में 1 लाख 45 हजार वोट मिले हैं, वहीं गठबंधन प्रत्याशी को लगभग आधा 68 हजार वोट मिले हैं। उधर, सादाबाद में 1,27,870 वोट भाजपा के खाते में आए हैं जबकि 70 हजार वोट ही गठबंधन प्रत्याशी को मिले हैं। -------------------- 'आयुष्मान-सम्मान' के

आगे नहीं टिका'न्याय'

ब्लर्ब

सवर्णाें को 10 प्रतिशत आरक्षण ने भी भाजपा के पक्ष में बनाई हवा जासं, हाथरस : पिछले कार्यकाल में मोदी सरकार ने उज्ज्वला, आयुष्मान, किसान सम्मान निधि जैसी जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं। इधर कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 'न्यूनतम आय योजना' (न्याय) में 72 हजार रुपये सालाना वार्षिक आय सुनिश्चित करने का एलान किया लेकिन मोदी सरकार की योजना के आगे न्याय टिक नहीं सका। मतगणना के दौरान शहर में हर जगह लोग चुनावी चर्चा करते दिखे। मोदी लहर उनकी जुवान पर थी। जीत के अलग-अलग कारणों पर मंथन जारी था। इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा भाजपा की योजनाओं की हो रही थी। भाजपा की उज्ज्वला, आयुष्मान, किसान सम्मान, मुद्रा योजना, सौभाग्य आदि योजनाओं की बातें लोग करते दिखे। किसान सम्मान निधि योजना के तहत हाथरस के दो लाख से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जाना है। इनमें से 1 लाख 93 हजार की फीडिग हो चुकी है। इसके साथ ही 30 हजार किसानों को पहली किस्त मिल चुकी है। इसका लाभ भाजपा को मिला है। चर्चा में सवर्णाें को 10 प्रतिशत आरक्षण की बात भी हावी थी। लोग यह कह रहे थे कि भाजपा सरकार ही सवर्णाें के बारे में सोच सकती है।

अन्य दल अपने-अपने बिरादरी के वोट बैंक को लुभाने के लिए वादे करते हैं। भाजपा के घोषणापत्र में केसीसी पर मिलने वाले लोन पर पांच साल तक ब्याज माफी, दुकानदारों के लिए पेंशन की सुविधा जैसे वादे चर्चाओं में थे।

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