बाजार में महंगे हुए तो ननद-भौजाई ने खुद बनाकर फ्री में बांटे मास्क
गरीब परिवारों की सोचकर घर में माक्स बनाने की ठानी -12 दिन के भीतर इन्होंने करीब ढाई हजार मास्कवितरित कर दिए
समरपाल सिंह, हाथरस: कभी छोटे-छोटे वाकये दिशा ही बदल देते हैं। ऐसा बिसावर में भी हुआ है। एक दवा की दुकान पर महिला ने मास्क के रेट सुन खरीदने का विचार ही त्याग दिया। घर आकर मशीन संभाल कर इतने मास्क बना डाले कि पूरे क्षेत्र में निश्शुल्क बांट डाले। यह काम पिछले 12 दिन से कर रही हैं। अब तक करीब ढाई हजार मास्क बांट चुकी हैं।
इस काम में मोहल्ला चावण निवासी बंटी चौधरी की पत्नी लक्ष्मी चौधरी का साथ उनकी जेठानी आशा चौधरी व ज्योति चौधरी, ननद नीलम, तनु व प्राची दे रही हैं। शुरुआत लक्ष्मी ने की थी। लॉकडाउन की घोषणा के बाद 24 मार्च को वह मास्क खरीदने कस्बे की ही दुकान पर गई थीं। यहां अधिक रेट होने पर गरीब परिवारों का ख्याल मन में आया। बिना मास्क लिए वह घर आ गईं। घर में मौजूद करीब दस मीटर कॉटन के कपड़े से मास्क बना डाले। यह देख परिजन सहयोग करने लगे। पति बंटी चौधरी बाजार से चालीस हजार रुपये में सूती व नेट के कपड़े का थान खरीद लाए। इसके बाद तो ननद व भाभी सभी मास्क बनाने में जुट गईं। इस कार्य की पूरे कस्बे में चर्चा है। वितरण से पूर्व कर रहीं सैनिटाइज
इन महिलाओं ने पहले दिन करीब 200 मास्क बनाए और बाजार में जाकर निश्शुल्क वितरित किए। लक्ष्मी चौधरी ने बताया कि मास्क के नाम पर लोगों के साथ ठगी का धंधा दुकानदारों ने प्रारंभ कर दिया है। हम लोगों को सिलाई -कढ़ाई आती है। मास्क वितरण से पूर्व सैनिटाइज किए जा रहे हैं। सुबह से ही जुट जाती हैं मास्क बनाने में
लक्ष्मी ने बताया कि सुबह जगने के बाद सबसे पहले घर के दैनिक कार्य पूरा करती हैं। इसके बाद पूरे दिन शाम चार बजे तक मास्क बनाने का कार्य करती हैं।