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कृषि मेला में छा गए खेती के आधुनिक यंत्र

विभिन्न विभागों ने उपलब्ध कराई आवश्यक जानकारी जीरा सीड्स ड्रिल मशीन रही आकर्षण का केंद्र

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 12:59 AM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 12:59 AM (IST)
कृषि मेला में छा गए खेती के आधुनिक यंत्र
कृषि मेला में छा गए खेती के आधुनिक यंत्र

संस, हाथरस : मंडी समिति में किसान मेला व रबी गोष्ठी में खेती की अत्याधुनिक मशीनें छायी रहीं। निर्धारित सब्सिडी के बाद यह कृषि उपकरण बेहद कम दाम में किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। खेती को सुलभ और सुगम बनाने के लिए किसान इन कृषि उपकरणों पर आकर्षित हो रहे हैं।

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आत्मा योजना के तहत कृषि विभाग ने किसान मेला व रबी गोष्ठी का आयोजन मंडी समिति परिसर में गुरुवार को किया। इसमें आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रदर्शन भी किया गया। बड़ी संख्या में किसानों की भीड़ जमा हुई। किसानों की उत्सुकता से लग रहा था कि अब किसानों को कृषि क्रांति मुफीद लग रहा है।

बहुपयोगी है सीड्स ड्रिल :

किसान मेले में आई जीरा सीड्स ड्रिल मशीन किसानों के लिए मुख्य आकर्षण रही। कैलाश कुमार ने बताया कि इससे गेहूं आदि की बोआई खेत को बिना जोते ही की जाती है। इसके अलावा इस मशीन से मटर, चना, मसूर, मक्का, ज्वार, बाजरा आदि की फसल की बोई जा सकती है। इसमें 11 टांग की मशीन की कीमत 54 हजार व 13 टांग की कीमत 56 हजार रुपये है। करीब 50 फीसद अनुदान सरकार देती है। लघु किसानों का साथी है पॉवर ट्रेलर

लघु या सीमांत किसानों के लिए पॉवर ट्रेलर मशीन मुनाफे का सौदा है। अतुल राठौर के अनुसार एक घंटे में एक लीटर डीजल से चलने वाली यह मशीन दो बीघा खेत आसानी से जोत सकती है। एक लाख पैंतालीस हजार रुपये की मशीन पर करीब 75 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। इको फ्रेंडली है सोलर पंप

किसानों के सामने फसलों की सिचाई को लेकर संकट खड़ा रहता है। वह इसके लिए अक्सर भगवान भरोसे होते हैं। सोलर पंप किसानों के लिए महत्वपूर्ण है। सोलर पंप में कई पैनल लगे हुए हैं। प्रदर्शनी में दो हॉर्स पॉवर और तीन हॉर्स पॉवर क्षमता की मशीनें लगाई गई थीं। दो हॉर्स पॉवर की मोटर, कंट्रोलर, हार्डवेयर, पैनल और इंस्टॉलेशन के साथ यह मशीन किसानों को सब्सिडी के बाद 37 हजार रुपये के करीब पड़ती है। 25 से 30 फीट गहराई से पानी खींच सकती है। तीन हॉर्स पॉवर की मशीन सब्सिडी के साथ 57 हजार रुपये में मिल रही है। यह 150 फीट तक की गहराई से पानी खींच सकती है। 40 फीसद अनुदान पर

शुरू करे मत्स्य पालन

मत्स्य विशेषज्ञ वीपी सिंह ने बताया कि मत्स्य पालन में विदेशी में सिल्वर, ग्रास व कामन कार्प तो देशी में कतला, रोहू व नैन मछलियों का पालन किया जाता है। यहां पर रोहू मछली ज्यादातर पैदा की जाती है। इसमें पट्टाधारकों को 40 फीसद तक अनुदान दिया जाता है। --------------------- उन्नतशील खेती के लिए मिल

रहा भरपूर अनुदान : डीएम संस, हाथरस : किसान मेला व रबी गोष्ठी का उद्घाट्न करने के बाद जिलाधिकारी प्रवीन कुमार लक्षकार ने कहा कि कृषि विभाग की अनेक कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं। उन्नतशील खेती के लिए आधुनिक कृषि यंत्र पर काफी अनुदान है।

डीएम ने कहा कि मेला व प्रदर्शनी आदि में कृषि यंत्रों का सजीव प्रदर्शन किसानों की आसानी से समझ आ जाता है। प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए सोलर पंप के सजीव प्रदर्शन की सराहना की। कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किसानों को प्रमाणपत्र भी दिए। प्रगतिशील किसान रामबाबू लाल शर्मा व अन्य ने पगड़ी पहनाकर एवं कृषि उपनिदेशक एचएन सिंह ने प्रतीक चिह्न भेंटकर डीएम व सीडीओ का स्वागत किया।

किसान विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. एके सिंह, डा. एसआर सिंह, डा. सुधीर कुमार रावत व डा. कमलकांत आदि ने कृषि व पशुपालन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। मुख्य अभियन्ता सिचाई टीसी लाम्बा, आत्मा योजना के डा. हरिओम शर्मा, जिला कृषि अधिकारी डिपिन कुमार, जीपी सिंह जिला उद्यान अधिकारी, सुधीर कुमार रावत, ईश्वरी सिंह, पुष्पेंद्र बर्मन, डीपी सिंह, अरविन्द दुबे, एसके श्रीवास्तव, डॉ. एके सिंह सहित 750 कृषक मौजूद थे। संचालन जितेंद्र कुमार शर्मा ने किया।


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