साढ़े तीन साल की मासूम से दुष्कर्म
रिश्ते के ताऊ ने दिया घटना को अंजाम, टूंडला स्टेशन पर दबोचा गया आरोपित शर्मनाक -फीरोजाबाद से सासनी में शादी समारोह में आए थे परिजन -लापता होने के साढ़े चार घंटे के बाद घायलावस्था में मिली ब'ची
संवाद सूत्र, सासनी (हाथरस) : कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में शनिवार रात शादी समारोह के दौरान रिश्ते के ताऊ ने ही साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची से द¨रदगी की। लापता होने के साढ़े चार घंटे बाद बच्ची गंभीर हालत में गांव की एक गली में मिली। बच्ची को आनन-फानन अस्पताल ले जाया गया। सासनी पुलिस ने आरोपित को टूंडला से गिरफ्तार किया है।
फीरोजाबाद जिले के एक गांव में रहने वाले लड़की के पिता शनिवार को परिवार के साथ साढ़ू की बहन के बेटे की शादी में सासनी के गांव में आए थे। साढ़ू के साथ वे भी भात लाए थे। रात लगभग नौ बजे घर पर भात की रस्म चल रही थी। पिता ने जैसे ही अपनी साढ़े तीन साल की बेटी को गोद से उतारा, उनके ही गांव के मनोज कुमार ने बच्ची को गोद में उठा लिया। परिजन रस्म में व्यस्त थे। इसी का फायदा उठाते हुए मनोज बच्ची को ले गया। कुछ देर बाद परिजनों को होश आया। बच्ची की तलाश शुरू हुई। बच्ची के न मिलने पर परिवार में चीख-पुकार मच गई। शादी समारोह छोड़कर लोग बच्ची की तलाश में जुट गए। देर रात 1:20 बजे बच्ची अंधेरी गली में एक चबूतरे पर गंभीर हालत में बेहोश मिली। बच्ची के होंठ पर चोट के निशान थे तथा अंदरूनी अंगों पर दर्द बता रही थी। घायल अवस्था में बच्ची को देख परिजनों के पैरों तले से जमीन खिसक गई। वे आनन-फानन बच्ची को सीएचसी लेकर पहुंचे। वहां उपचार शुरू हुआ। इसी बीच पुलिस भी गांव पहुंच गई। छानबीन में मनोज का नाम सामने आया। परिजनों ने मनोज को फोन किया था, लेकिन उसने उठाया नहीं। सुबह पुलिस ने फोन से संपर्क किया तो मनोज ने फोन उठा लिया। उसने बताया कि वह ट्रेन से टूंडला जा रहा है। लड़की के परिजन व फीरोजाबाद पुलिस की मदद से आरोपित को टूंडला स्टेशन पर ही दबोच लिया गया। लड़की के पिता की तहरीर पर आरोपित मनोज के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस टूंडला से आरोपित को गिरफ्तार कर सासनी कोतवाली लेकर आई। एसएचओ शैलेंद्र ¨सह के अनुसार आरोपित ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। चिकित्सकीय परीक्षण के लिए बच्ची को जिला महिला अस्पताल भेजा गया। यहां बच्ची दर्द के कारण बिलख रही थी। चिकित्सकों के पैनल ने बच्ची का चिकित्सकीय परीक्षण किया।
शराब के नशे में दिया
घटना को अंजाम
सासनी : पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपित मनोज कुमार ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। इंस्पेक्टर शीलेंद्र ¨सह के अनुसार नशे में आरोपित ने घटना को अंजाम दिया। गलत नीयत से उसने बच्ची को कार्यक्रम के दौरान गोदी में उठाया था तथा गांव में एकांत स्थान पर ले गया। पुलिस के अनुसार आरोपित ने काफी देर तक बच्ची के साथ गलत हरकत की। इस दौरान मारपीट भी की। जब शराब का नशा उतरा तो उसे गली में पटककर भाग गया। बच्ची के शरीर में काफी दर्द था तथा परिजनों की गोदी में भी नहीं आ रही थी। इंस्पेक्टर शीलेंद्र ¨सह ने कहा कि पुलिस परिजनों के साथ है। विवेचना गंभीरता पूर्वक की जाएगी, जिससे आरोपित को सख्त से सख्त सजा मिल सके। गलत आदतों के कारण है बदनाम
सासनी : बच्ची के पिता गांव में मजदूरी करते हैं। उनके दो बच्चे हैं। छोटी बच्ची है तथा पांच साल का बेटा है। आरोपित 40 वर्षीय मनोज कुमार उनके घर से कुछ दूरी पर रहता है। उस पर दो बेटे हैं। एक ही उम्र 12 व एक की 10 साल है। बच्ची के पिता ने बताया कि वह गलत आदतों का आदी है। हर समय शराब व जुआ में व्यस्त रहता है। इसी वजह से 15 दिन पहले उसका भाइयों से भी झगड़ा हुआ था तथा झगड़े में परिवार के ही सदस्यों ने छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया था। वह मामला निपट गया था। आरोपित को देख बिफरे परिजन
सासनी : पुलिस रविवार की दोपहर आरोपित को लेकर सासनी कोतवाली पहुंची। जैसे ही पुलिस यहां आई, पहले से मौजूद परिजन आरोपित पर टूट पड़े। बच्ची की मां व परिवार की अन्य महिलाएं आपा खो बैठीं। परिजनों ने आरोपित को जमकर कोसा। परिजन उसे पीटना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने बीच-बचाव किया। पुलिस ने परिजनों को कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया तथा उसे हवालात में बंद किया। सासनी में है छोटे भाई की ससुराल
सासनी : पीड़ित परिवार साढ़ू के जीजा के रिश्ते के नाते शादी में पहुंचा था। वहीं आरोपित मनोज के छोटे भाई की ससुराल सासनी के इसी गांव में है। दूल्हे के परिवार से उसे अलग से न्योता मिला था। मनोज ने जब बच्ची को उठाया तो उसके पिता कुछ असहज हुए, लेकिन भीड़-भाड़ व नाते-रिश्तेदार होने के कारण उन्हें अनहोनी की आशंका नहीं थी। जब बच्ची लापता हुई तो परिजनों के होश फाख्ता हो गए। मानसिक रूप से बीमार हैं मासूमियत रौंद रहे द¨रदे
जासं, अलीगढ़ : हाथरस में बच्ची से हुई घटना ने इंसानियत व मानवीय रिश्तों को कलंकित और शर्मसार कर दिया है। आप भले ही ऐसे बच्चों की चीखों, चबाए हुए होंठ, क्षत-विक्षत शरीर व अन्य शारीरिक यातनाओं से भरी कहानियां सुनना पसंद न करें, मगर इन बच्चों की मासूमियत को अपनी हवस से रौंद रहे द¨रदों के बारे में जानना जरूरी है। कौन हैं ये लोग? जो चंद पलों की कुंठा के लिए घिनौना कृत्य कर बैठते हैं। समाज ही नहीं, मनोविशेषज्ञ और समाजशास्त्री भी ऐसी घटनाओं से विचलित हैं।
एएमयू के डिमार्टमेंट ऑफ साइकोलॉजी के प्रो. शाह आलम का कहना है कि मनोविज्ञान की भाषा में ऐसे लोगों को मानसिक बीमार कहा जाता है। ऐसे लोग बचपन से ऐसी कुंठा के शिकार होते हैं। कई बार सेक्सुअल जरूरत पूरी न होने या पत्नी के साथ कन्फर्टेबल महसूस न करने पर आसपास के बच्चों-किशोरों को भी शिकार बनाने से नहीं चूकते। यह एक तरह का पागलपन ही है, जो नाते-रिश्तेदार, दोस्त किसी का घर नहीं देखता। जिला अस्पताल की साइकोलॉजिस्ट पूजा भी माता-पिता को अपने बच्चों के प्रति सजग रहने की जरूरत बताती हैं। उनके अनुसार भी ऐसे लोग कुंठित व मानसिक बीमार होते हैं।