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कॉल सेंटर्स संचालकों को लाखों का झटका

पोस्टऑफिस के नए सॉफ्टवेयर से आ रही दिक्कत, पार्सल बु¨कग का काम है ठप धंधे पर चोट अलीगढ़ में यह प्रक्रिया एक महीने पहले से चल रही है यहां नौ जून से अपग्रेडशन की प्रक्रिया शुरू हुई, भुगतान अटका

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 08:31 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 08:31 AM (IST)
कॉल सेंटर्स संचालकों को लाखों का झटका

कमल वाष्र्णेय, हाथरस :

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लोगों को चूना लगाकर हर महीने लाखों रुपये कमाने वाले शहर के कॉल सेंटर संचालक इन दिनों परेशान चल रहे हैं। पिछले 15 दिन से सीओडी का काम ठप होने के कारण एक भी पार्सल की बु¨कग नहीं हो रही है। इससे इन्हें काफी नुकसान हो रहा है। वहीं सॉफ्टवेयर अपग्रेडेशन के कारण पिछला भुगतान भी अटका हुआ है।

पेपरलेस सेवाओं की ओर अग्रसर होते हुए डाक विभाग खुद को अपग्रेड कर रहा है। इसके लिए अलीगढ़ मंडल के डाकघर कोर सिस्टम इंटीग्रेटर (सीएसआइ) के अंतर्गत अपडेट किए गए हैं। अलीगढ़ में यह प्रक्रिया एक महीने पहले से चल रही है, जबकि हाथरस में 9 जून से अपग्रेडशन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। 12 जून को परिवर्तन कार्य पूरा होने के बाद 13 जून से नई सेवाएं ग्राहकों को मिलना शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन अभी नया सिस्टम होने के कारण कर्मचारी उलझे हुए हैं। नई व्यवस्था पूरी तरह इंटरनेट पर आधारित है। हर काम अब ऑनलाइन होगा। इसलिए नेट की दिक्कत के कारण भी पोस्ट ऑफिस में ठीक से काम शुरू नहीं हो पा रहा है। विभाग में रजिस्ट्री, पार्सल बु¨कग, सीओडी, कर्मचारियों की उपस्थिति, पर्सनल डाटा, सर्विस बुक, कर्मचारियों की छुट्टी आदि कार्य सभी ऑनलाइन हो गए हैं। नए सिस्टम की जानकारी के लिए कर्मचारियों को ट्रे¨नग पर भी भेजा गया है।

डाकघर की सेवाएं प्रभावित होने से खाताधारक व सामान्य ग्राहक तो परेशान हैं ही, सबसे ज्यादा दिक्कत कॉल सेंटर संचालकों को हो रही है। कॉल सेंटर का कारोबार पूरी तरह डाक विभाग पर ही निर्भर है। मुख्य डाकघर, हाथरस में दो दर्जन से अधिक कॉल सेंटर्स पंजीकृत हैं। हर कॉल सेंटर से 50 से 100 पार्सल पहुंचते हैं। बड़े कॉल सेंटर्स की संख्या अधिक होती है। सीओडी का यह काम पिछले पंद्रह दिन से ठप है। पुराना भुगतान डाक विभाग में लटका हुआ है तथा नए पार्सल बुक नहीं हो रहे। इससे कॉल सेंटर संचालकों को लाखों रुपये की चपत लग रही है। कॉ¨लग के लिए बैठा रखे लड़के-लड़कियों का वेतन तक नहीं निकल पा रहा है। बु¨कग के लिए लगते हैं नंबर

अंधी कमाई होने के कारण डाकघर की क्षमता से अधिक पार्सल बु¨कग होती है। इस काम के लिए अलग से काउंटर हैं तथा लड़के लगाए गए हैं। कॉल सेंटर्स की संख्या इतनी है कि पार्सल बु¨कग के लिए नंबर लगाना पड़ता है। अधिकारियों की मिन्नतें करने के बाद 10 से 15 दिन में नंबर आ पाता है। अलीगढ़ व आगरा मंडल के डाकघरों का यही कमाई का बड़ा जरिया है। इनका कहना है

नए सिस्टम के कारण काम प्रभावित हो रहा था। नई व्यवस्था लागू होने के कारण कुछ दिन इंटरनेट की दिक्कत रही। दो दिन पहले से सीओडी व पार्सल बु¨कग का काम शुरू हो गया है। इस सप्ताह व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी।

चंद्रशेखर, सहायक डाक अधीक्षक, हाथरस


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