दुष्कर्म पीड़िता का मेडिकल फर्जी!
डीएम ने शिकायत पर दिखाई गंभीरता लापरवाही पर पुलिस को फटकार ब्लर्ब- एएसपी को दो दिन में जांच करने के निर्देश मेडिकल कराने वाली युवती की तलाश
जागरण संवाददाता, हाथरस : दुष्कर्म पीड़िता को गर्भवती दिखाने के लिए फर्जी मेडिकल का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि पुलिस व चिकित्सकों की मिलीभगत से यह किया गया। सोमवार को डीएम ने शिकायतकर्ता व दुष्कर्म पीड़िता दोनों को बुलाकर जांच की। मामले में पुलिस अधिकारियों को भी तलब किया गया। पीड़िता के गर्भवती न पाए जाने पर दो दिन में जांच करने के निर्देश एएसपी को दिए हैं।
यह था मामला :
12 फरवरी को नाबालिग से दुष्कर्म का मामला कोतवाली सदर पहुंचा था। पीड़िता चार महीने से गर्भवती बताई गई थी। दो युवकों पर कई दिन तक सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा था। मुकुल और बॉबी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी तथा दूसरे दिन ही वे जेल भी भेज दिए गए थे। उसी दौरान लड़की का चिकित्सकीय परीक्षण भी हुआ था। इसके कुछ दिन बाद पीड़िता की मां ने तीसरे युवक के घटना में शामिल होने का आरोप लगाया था। पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने तीसरे आरोपित पुलिसकर्मी के बेटे अवनेश चौधरी को भी चार मार्च को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। प्रकरण में हुई शिकायत
अवनेश के जेल जाते ही उसकी पत्नी सलमा ने डीएम से शिकायत की। पिछले एक महीने में वह कई बार डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार से मिली। उसका दावा था कि दुष्कर्म पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण फर्जी है तथा उसका पति बेकसूर है। डीएम ने सोमवार को इस मामले में दोनों पक्षों को बुलाया। डीएम के चेंबर में पहुंची दुष्कर्म पीड़िता देखने में गर्भवती नहीं लग रही थी। इस पर डीएम ने उससे सवाल किया तो लड़की की मां ने कहा कि घटना के बाद गर्भपात करा दिया था। बिना डीएनए टेस्ट व अन्य वैधानिक औपचारिकताओं के बिना गर्भपात की बात डीएम के गले नहीं उतरी। इस पर उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी कार्यालय में बुला लिया।
गड़बड़ी की आशंका :
प्रारंभिक छानबीन के बाद डीएम को भी मामला संदेहास्पद लग रहा है। आशंका है कि कथित दुष्कर्म पीड़िता की जगह किसी और लड़की का चिकित्सकीय परीक्षण करा दिया गया है। मेडिकल के लिए ले जाने वाली महिला सिपाही, मेडिकल करने वाली चिकित्सक व नर्स को भी बुलाया था, लेकिन वे लोग पहुंचे ही नहीं। इस पर डीएम ने नाराजगी जताई। बाद में एएसपी सिद्धार्थ वर्मा को भी कार्यालय बुलाया तथा जांच के निर्देश दिए। महिला सिपाही का मथुरा ट्रांसफर हो चुका है। उसे भी बुलाने के निर्देश दिए हैं। यदि किसी और लड़की का चिकित्सकीय परीक्षण हुआ है तो उसे भी तलाशने के निर्देश दिए हैं। इनका कहना है
घटना के बाद से अब तक लड़की छह माह से गर्भवती होनी चाहिए थी, जबकि ऐसा नहीं है। परिजन गर्भपात की बात कह रहे हैं। इसकी भी जांच कराई जाएगी। फिलहाल एएसपी को पूरे प्रकरण में दो दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। यदि गड़बड़ी हुई है तो लिप्त सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-प्रवीण कुमार लक्षकार, डीएम