देश की आजादी में मंगल पांडेय का अहम योगदान
संसू हाथरस प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल पाडेय की जयंती रविवार को धूमधाम से मनाई गई। अखिल भारतीय युवा विप्र एकता मंच के तत्वावधान में कार्यक्त्रम का आयोजन किया गया जिसमें युवाओं ने मंगल पाडेय के क्त्रातिकारी जीवन की सराहना करते हुए देश की आजादी में उनके योगदान का जिक्र किया।
संसू, हाथरस : प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल पाडेय की जयंती रविवार को धूमधाम से मनाई गई। अखिल भारतीय युवा विप्र एकता मंच के तत्वावधान में कार्यक्त्रम का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने मंगल पाडेय के क्त्रातिकारी जीवन की सराहना करते हुए देश की आजादी में उनके योगदान का जिक्र किया।
मंच के अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी ने कहा कि मंगल पाडेय ने अपना पूरा जीवन देश के लिए न्योछावर कर दिया। देश की आजादी में उनका अहम योगदान रहा है। 19 जुलाई 1827 को उनका जन्म हुआ था। 1849 में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में शामिल हुए और 29 मार्च 1857 को मंगल पाडेय ने कारतूसों में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल को लेकर अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का झडा बुलंद कर दिया। अंग्रेजी हुकूमत ने आठ अप्रैल 1857 को मंगल पाडेय को बैरकपुर परेड ग्राउंड में फासी पर लटका दिया। उनके इस बलिदान ने देश में आजादी की लड़ाई की एक नई चिंगारी को हवा दे दी थी। संयोजक चेतन शर्मा ने कहा कि युवाओं को राष्ट्र हित में काम करना चाहिए। राष्ट्र को मजबूत बनाने में युवाओं की अहम भूमिका होती है। महासचिव राजीव चतुर्वेदी ने कहा कि युवा किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होता है। भारत युवाओं का देश है। मंगल पाडेय को अपना आदर्श मानना चाहिए।
कार्यक्त्रम की अध्यक्षता पंडित वीरेंद्र शर्मा ने की। इस अवसर पर राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा के जिलाध्यक्ष आकाश दीक्षित, रितिक पाडेय, माधव पंडित, रामकिशन दीक्षित, गोपाल दीक्षित, गिरधारी लाल, राजा पंडित, मोहन शर्मा, रोहित दीक्षित, गौरव शर्मा आदि मौजूद थे।