Move to Jagran APP

पराली से बनाएं कंपोस्ट खाद, चारे में करें प्रयोग

किसान गोष्ठी पराली जलाने पर 15 हजार तक का जुर्माना अतिरिक्त आय का स्त्रोत है पशुपालन।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 04:12 AM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 04:12 AM (IST)
पराली से बनाएं कंपोस्ट खाद, चारे में करें प्रयोग

संवाद सहयोगी, हाथरस : फसल अवशेष कभी नहीं जलाने चाहिए। उनके प्रयोग से कंपोस्ट खाद बनाकर खेतों की उर्वराशक्ति बढ़ाई जा सकती है। वहीं धान की पराली को जनपद की गोशालाओं में भिजवा दिए जाने से उसका प्रयोग पशुओं के चारे के रूप में हो जाएगा।

loksabha election banner

यह उद्गार जनपद स्तरीय कृषक जागरूकता गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मुख्य विकास अधिकारी आरबी भास्कर ने व्यक्त किए। इसका आयोजन कृषि विभाग ने प्रमोशनल आफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इनसीटू मैनेजमेंट आफ क्राप रेजीड्यू योजना के तहत मंडी समिति में किया गया था। सीडीओ ने बताया कि किसानों को कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी गोष्ठी व मेलों के माध्यम से दी जा रही है। उपकृषि निदेशक एचएन सिंह ने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कृषि योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पराली प्रबंधन के लिए जीरो टिल, हैप्पी सीडर, थ्रेडर, स्ट्रा रीपर, रोटावेटर का प्रयोग आसानी से किया जा सकता है। संचालन डा. जितेंद्र कुमार शर्मा ने किया। इसमें ब्लाक सासनी के प्रतिनिधि दिनेश माहौर, डा.आरबी शर्मा, सीपी शर्मा, श्रीनिवास पचौरी, मनीष जैन मौजूद थे।

डीडीए एचएन सिंह ने बताया कि पराली जलाने पर दो एकड़ से कम पर 2500 रुपये, पांच एकड़ से कम पर 5000 रुपये, पांच एकड़ से अधिक पर 15 हजार रुपये प्रति घटना अर्थदंड निर्धारित है। डीएओ रामकिशन सिंह ने जिले में जिप्सम की उपलब्धता, आगामी रबी फसल के लिए डीएपी व यूरिया की उपलब्धता की जानकारी किसानों को दी। पशुपालन के संबंध में आवश्यक जानकारी पशु चिकित्साधिकारी डा. प्रिया गुप्ता ने दी। किसानों की पसंद बने कृषि यंत्र

कृषक गोष्ठी में कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें रोटावेटर, ट्रैक्टर, सीड ड्रिल यंत्रों सहित कई विभागों के स्टाल पर कृषि से संबंधित योजनाओं की जानकारी किसानों को दी गई। आटोमेटिक पोटैटो प्लांटर आलू की फसल के लिए कम खर्चे पर बहुपयोगी बताया गया। फसलों को कीटों से बचाने को ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर मशीन की जानकारी इंजीनियरों ने किसानों को दी। बारिश में भीगते हुए पहुंचे किसान

कृषक गोष्ठी का आयोजन करते समय बारिश होने से अव्यवस्थाएं पैदा हो गईं। कुसियां कम होने से किसानों को खड़ा रहना पड़ा। वहीं कुछ किसानों ने विभागीय योजनाओं पर भी सवाल उठाए। आयोजन स्थल पर बारिश का पानी टपकने से भी दिक्कतें हुईं। वहीं कुछ किसान तो ट्रैक्टर ट्राली से भीगते हुए गोष्ठी में पहुंचे। बारिश के चलते कुछ अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके। इनका कहना है

कृषि संबंधी जानकारी के लिए गोष्ठी का आयोजन किया जाता है। इसमें फसलों के बारे में दी गई जानकारी किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

-गेंदा सिंह रावत, किसान कृषक गोष्ठी में सहभागिता करते के लिए आए थे। यहां बारिश होने से भीगना पड़ा। आवश्यक इंतजाम नहीं होने से अव्यवस्थाएं रहीं।

-राजकुमार, किसान जिला स्तरीय गोष्ठी का आयोजन शहर के अलावा देहात क्षेत्रों में किया जाना चाहिए। इनका लाभ दूर-दराज के किसान नहीं ले पाते हैं।

- रिषी कुमार, किसान गोष्ठी में जानकारी देने के साथ किसानों की समस्याओं का निराकरण होना चाहिए। इसी के लिए किसान इन कार्यक्रमों में सहभागिता करते हैं।

- पोप सिंह, किसान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.