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हाथरस में अस्पताल परिसर में पड़े मिले शराब के खाली क्वार्टर

मुरसान कस्बा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को कोविड काल में एल वन हास्पिटल बना दिया लेकिन व्यवस्था फेल है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 11:48 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 11:48 PM (IST)
हाथरस में अस्पताल परिसर में पड़े मिले शराब के खाली क्वार्टर

जासं, हाथरस: मुरसान कस्बा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को कोविड काल में एल वन हास्पिटल बना तो दिया लेकिन यहां के संसाधन और गंदगी जस के तस हैं। कोविड हेल्प डेस्क के नाम पर मजाक दिखाई देती है। न तो डाक्टर ही पूरे हैं और न ही पैरामेडिकल स्टाफ है। इंजेक्शन के अलावा जांच, एक्सरे व अन्य इंतजाम नहीं है। ओपीडी बंद होने के कारण मरीज झोलाछाप डाक्टरों के यहां इलाज कराने को मजबूर हैं। सफाई की बात करें तो पानी की निकासी न होने के कारण गंदा पानी जगह-जगह भरा हुआ है। वहां शराब के खाली क्वार्टर और बीयर के कैन पड़े हैं। जगह-जगह झाड़ियां खड़ी हुई हैं। दैनिक जागरण की टीम ने शनिवार को अस्पताल परिसर के हालात देखे तो कुछ इस तरह के हालात नजर आए।

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अस्पताल में स्टाफ की स्थिति : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मुरसान कस्बा के अलावा आसपास के 50 गांवों के लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निर्भर हैं। इस अस्पताल को एल वन बना रखा है। जब ओपीडी चलती थी, उस समय 300-350 मरीज रोज आते थे। कोविड हेल्पडेस्क बना रखी है। लापरवाही की हद इतनी है कि हेल्पडेस्क पर ड्यूटी देने वाले खुद मास्क नहीं पहनते हैं। इस अस्पताल में 30 बेड हैं। अस्पताल में सिर्फ तीन डाक्टर, तीन स्टाफ नर्स, एक फार्मासिस्ट और दो वार्ड ब्वाय हैं। महिला रोग चिकित्सक के अलावा एनीस्थिशियन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ व अन्य विशेषज्ञों की कमी है। 108 नंबर की एक एंबुलेंस जर्जर हालत में खड़ी हुई है। आम दिनों में भी कुत्ता काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन भी नहीं मिलती है। मरीजों को हाथरस जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। गर्भवती महिलाओं की जांच व उपचार की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।

सफाई व्यवस्था : एलवन हास्पिटल के बराबर में हास्पिटल परिसर के अंदर बने आवासों का गंदा पानी हास्पिटल परिसर में जमा हो गया है, जिसमें मच्छरों ने अपना बसेरा बना लिया है। हास्पिटल के मुख्य गेट पर कूड़े के ढेर के लिए बनाए गड्ढे में भी गंदा पानी भरा रहता है। हास्पिटल के बराबर में कूड़े के ढेर पर जानवर लगे रहते हैं। परिसर में शराब की खाली बोतलें और बीयर की खाली केन पड़ी हुई है। इससे लगता है कि पियक्कड़ों के लिए यह जगह मुफीद है। हास्पिटल परिसर में खराब पड़े हैंडपंप की वजह से मरीजों को पानी पीने के लिए काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता था।

बोले लोग

सरकारी अस्पताल में इलाज की खास सुविधा नहीं है। कभी डाक्टर नहीं होते तो कभी दवा। कोरोना काल में तमाम बीमारियों का इलाज कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के लिए झोलाछाप ही धरती के भगवान हैं।

-विनीत कुमार अग्रवाल, मुरसान

सीएचसी पर सुविधाओं का अभाव है। वहां सफाई भी नहीं रहती। कोविड के अलावा अन्य मरीजों को नहीं देखा जा रहा। समय से इलाज नहीं मिले तो मरीज की दिक्कतें बढ़ जाती हैं। स्टाफ भी मनमानी करता है।

-विनोद कुमार, मुरसान

कस्बा व ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों का मैं लगातार निरीक्षण कर रहा हूं। एक या दो दिन में सीएचसी मुरसान के एलवन हास्पिटल का निरीक्षण भी करूंगा। जो भी कमियां होंगी, उन्हें दूर किया जाएगा।

डा. चंद्रमोहन चतुर्वेदी, सीएमओ, हाथरस


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