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आंखों के सामने मंदिर निर्माण होते देख धन्य हो गया जीवन

मंदिर के लिए अयोध्या में दी गई थीं गिरफ्तारियां सफल हो गए राममंदिर के लिए किए गए आंदोलन

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 01:12 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 01:12 AM (IST)
आंखों के सामने मंदिर निर्माण  होते देख धन्य हो गया जीवन
आंखों के सामने मंदिर निर्माण होते देख धन्य हो गया जीवन

संवाद सहयोगी, हाथरस : अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण राम भक्तों की वर्षों पुरानी तपस्या का फल है। जिन लोगों ने मंदिर आंदोलन में संघर्ष किया वे कोरोना के कारण अयोध्या न जाने की वजह से मायूस जरूर थे मगर लाइव प्रसारण देख खुद को अयोध्या से जोड़े रखा। जीवन काल में भव्य मंदिर में प्रभु श्रीराम के दर्शन की तमन्ना संजोए कुछ भक्त भावुक भी हुए। राम भक्तों की प्रतिक्रिया

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मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन उस समय देशभर में किए जा रहे थे। मुलायम सिंह यादव सरकार ने रामभक्तों पर गोली व लाठी चलवाई मगर उत्साह डिगा नहीं। जनवरी 1991 में बसों से करीब 150 लोगों के साथ हम अयोध्या पहुंचे। इसके बाद 1993 में हमारे पचास लोगों के जत्थे को मंदिर तक पहुंचने पर पुलिस ने पकड़कर नजरबंद कर दिया था। अब मंदिर निर्माण होने से जीवन धन्य हो गया।

-मदनमोहन माहेश्वरी श्रीराम मंदिर आंदोलन के लिए हर हिदू उत्साहित था। शहर से भी लोग अयोध्या के लिए गोपनीय कार्यक्रम बनाकर जत्थों में जा रहे थे। 6 दिसंबर 1992 को ढांचा गिरने के बाद तो पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्थाएं और सख्त कर दी पर कारसेवा के माध्यम से एक सेवक एक ईंट ले जाने का सिलसिला जारी रहा। हम भी अपने बीस साथियों के साथ अयोध्या गए थे। आज लगता है संघर्ष सफल हो गया।

-घनश्यामदास कूलवाल भगवान राम की जन्म स्थली पर उनका मंदिर नहीं बनना सभी को चुभ रहा था। इसके लिए आंदोलन आजादी के बाद से तेज हो गए थे। पर अपने निहित स्वार्थ की खातिर सरकारों ने मंदिर मामले को टाले रखा। हमने ढांचा गिरने के बाद अयोध्या में कारसेवक के रूप में यात्रा की। भाजपा ने जो भी वादे किए थे, सब पूरे हो रहे हैं।

-संजय सक्सेना


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