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रामवीर के भाई की पत्नी का इस्तीफा 11 महीने बाद मंजूर

निकाय चुनाव लड़ने के लिए दिया था जिला पंचायत सदस्य पद से इस्तीफा

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 12:57 AM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 12:57 AM (IST)
रामवीर के भाई की पत्नी का इस्तीफा 11 महीने बाद मंजूर
रामवीर के भाई की पत्नी का इस्तीफा 11 महीने बाद मंजूर

संवाद सहयोगी, हाथरस : गांव में वोटर होते हुए जिला पंचायत सदस्य बनीं कल्पना उपाध्याय ने नगरीय निकाय चुनाव में हाथरस नगर पालिका से चुनाव लड़ने का मन बनाया था। इसके लिए उन्होंने जिला पंचायत सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे अब 11 महीने बाद मंजूर किया गया है। इसकी जानकारी पत्रकार वार्ता में खुद जिला पंचायत अध्यक्ष ओमवती यादव ने दी है।

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पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के छोटे भाई जिला पंचायत सदस्य रामेश्वर उपाध्याय की पत्नी कल्पना उपाध्याय 2015 के चुनाव में वार्ड नंबर 12 से जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 2017 के नगर पालिका चुनाव में उम्मीदवारी के लिए उन्होंने अपना नाम गांव की मतदाता सूची से कटवाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग व जिला पंचायत सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया था। यह इस्तीफा तीन नवंबर 2017 को दिया गया था, लेकिन नगर पालिका चुनाव में बसपा प्रत्याशी बदलने के कारण वह चुनाव नहीं लड़ सकी थीं, जिसके चलते उन्होंने खुद इस्तीफा वापस लेने की जानकारी दी थी। अब इस्तीफा स्वीकार करने के पीछे सियासी कारण माना जा रहा है।

जिलाधिकारी के एक अक्टूबर 2018 के पत्र के आधार पर इस्तीफा स्वीकार किया गया है। इस्तीफा 15 अक्टूबर को ही मंजूर कर लिया गया था, जिसकी सूचना कल्पना उपाध्याय, सीडीओ, जिलाधिकारी, अपर मुख्य सचिव पंचायतराज, मंडलायुक्त व राज्य निर्वाचन आयोग को भी भेजी गई है। अब इस सीट को रिक्त मानते हुए आयोग से चुनाव कराने की भी सिफारिश की गई है। वार्ता में मनोज यादव, श्याम ¨सह, विजेंद्र ¨सह, कमल ¨सह, राजकुमार ¨सह, सत्यपाल ¨सह सेंगर, संजय उर्फ प्रमोद कुमार, ललिता देवी, यतेंद्र बघेल, सत्यप्रकाश फौजी आदि थे।

काम में अवरोध तो नहीं है

इस्तीफा मंजूरी की वजह?

हाथरस : पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व सदस्य विनोद उपाध्याय ने जिला पंचायत द्वारा उठाए गए टेंडर प्रक्रिया को विधि विरुद्ध बताते हुए नियमों का पालन न करने का आरोप लगाते हुए पहले मंडलायुक्त व शासन में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें निर्माण समिति का अनुमोदन न लेने व गांव के अंदर कार्य कराने को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें 93 कार्यों की तकनीकी अधिकारियों से जांच कराकर स्वीकृति प्रदान कर दी गई थी। इसके अलावा 47 अन्य कार्यों की निविदा पर शासन व जिला पंचायत के खिलाफ हाईकोर्ट में वाद दायर किया था। इसके चलते इन 47 कार्यों पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। अब जिला पंचायत सदस्य पद से कल्पना उपाध्याय के इस्तीफे को 11 माह बाद स्वीकार करने के पीछे इसी अवरोध को कारण माना जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने इन कयासों को गलत बताया है और उनका कहना है कि इस्तीफे के संबंध में शासन से दिशा निर्देश मांगे गए थे, इसलिए इसको स्वीकार करने में समय लगा है।

'मैने इस्तीफा नहीं दिया,

मैं आज भी सदस्य हूं'

जिला पंचायत सदस्य पद को लेकर मैंने जिला पंचायत अध्यक्ष को कोई इस्तीफा नहीं दिया है। यह मेरे खिलाफ साजिश है। कूटरचित तरीके से यह काम किया गया है। किसी ने मेरा फर्जी इस्तीफा पत्र बनाकर जिला पंचायत अध्यक्ष को दिया है। इस्तीफे के संबंध में न जिला पंचायत अध्यक्ष ने मुझसे बात की और न ही प्रशासन ने। मैं इस पर आपत्ति दर्ज कराती हूं। मैं आज भी जिला पंचायत की सदस्य हूं और आगे भी रहूंगी। मुझे जनता ने चुना है। जनता के साथ के कारण ही मैने साढ़े नौ हजार वोटों से जीत दर्ज कर आगरा, अलीगढ़ मंडल में रिकॉर्ड बनाया था। मेरे प्रतिद्वंद्वी की जमानत तक जब्त हो गई थी। अगर किसी ने मुझे जबरन हटाने की कोशिश की तो मैं कानूनी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटूंगी।

-कल्पना उपाध्याय, सदस्य जिला पंचायत, वार्ड नंबर 12


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