Move to Jagran APP

युवाओं में कबीर सिंह चश्मे का क्रेज

फैशन का जलवा गर्मी शुरू होते ही बढ़ गई धूप वाले चश्मों की बिक्री धंधे का फंडा -हाथरस शहर के बाजारों की दुकानों पर सज गए हैं तरह-तरह के चश्मे -धूल धूप व सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाने में मददगार हैं चश्मे

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Mar 2020 11:27 PM (IST)Updated: Tue, 10 Mar 2020 06:07 AM (IST)
युवाओं में कबीर सिंह चश्मे का क्रेज
युवाओं में कबीर सिंह चश्मे का क्रेज

संवाद सहयोगी, हाथरस : आंखों पर चश्मा लगाना भला किसे अच्छा नहीं लगता। इससे चेहरे का आकर्षण तो बढ़ता ही है, धूल-मिट्टी से भी आंखें सुरक्षित रहती हैं। आधुनिकता के दौर में इस समय कबीर सिंह चश्मे का युवाओं में जबरदस्त क्रेज है। दुकानों पर सजे चश्मे लोगों को लुभा रहे हैं।

loksabha election banner

जेब में रूमाल और चेहरे पर चश्मा हो तो अंदाज ही कुछ अलग होता है। इन दिनों चश्मों की डिमांड बढ़ गई है। वैसे तो हर मौसम में चश्मे की बिक्री होती है, पर गर्मी आते ही इसकी बिक्री में इजाफा हो जाता है। जगह-जगह चश्मों की दुकानें सड़क के किनारे लगी हुई मिल जाती हैं।

हालांकि ब्रांडेड चश्मे ही आंखों के लिए बेहतर माने जाते हैं मगर वे इतने महंगे होते हैं कि हर किसी का शौक पूरा नहीं हो पाता। इसी वजह से फुटपाथी दुकानों का भी अपना क्रेज है और इनपर ग्राहकों की डिमांड के अनुसार फैशनेबल चश्मे सज गए हैं। जरूरी है चश्मे की क्वालिटी

चश्मा खरीदते समय उसकी क्वालिटी जरूर देखनी चाहिए। इस समय सबसे अधिक चश्मे की बिक्री धूप से बचने के लिए की जा रही है। धूप के चश्मे को सन ग्लासेस या गॉगल्स कहते हैं। इस चश्मे को खरीदते समय उसके शीशे का रंग, आकार, फ्रेम व उसकी बनावट के साथ अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाव की क्षमता पर भी ध्यान देना जरूरी है। बेहतर हैं पॉलीकार्बोनेट लैंस वाले चश्मे

परंपरागत प्लास्टिक लेंस की अपेक्षा पॉलीकार्बोनेट लैंस में रिफ्रेक्टिव इंडेक्स बहुत ऊंचा होने से यह सूर्य की किरणों को अधिक मोड़ सकने में सक्षम हैं। पॉलीकार्बोनेट प्लास्टिक लेंस न टूटने वाले व अधिक हल्के होने से ये खतरनाक उद्योग व खेलों भाग लेने वालों के लिए बेहतर विकल्प है। कबीर स्टाइल का कमाल :

युवाओं में सबसे अधिक कबीर स्टाइल वाले चश्मों का क्रेज है। इसके अलावा टिकटॉक वाले चश्मे भी खूब पसंद किए जा रहे हैं। इन दिनों चश्मों का जबरदस्त फैशन युवाओं में देखने को मिल रहा है। कबीर व टिकटॉक वाले चश्मे अधिक बिक रहे हैं। इनमें धूप से बचाने वाले ग्लास का प्रयोग किया जा रहा है।

कुछ चश्मे की वैराइटी

चश्मा, कीमत रुपये में

एविएटर, 100- 350

वैफेरर, 100- 300

हैरीपोटर, 90- 200

स्पो‌र्ट्स, 50- 250

कबीर, 100- 350

टिकटॉक, 80- 200

किड्स, 30- 100

इनका कहना है

चश्मा लगाना सभी को अच्छा लगता है। युवाओं में चश्मों का क्रेज बढ़ता जा रहा है। उनकी पसंद के अनुसार कबीर, टिकटॉक आदि स्टाइलिश चश्मे बाहर से मंगाए गए हैं। धूल, धूप व सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाने को चश्मा बहुत जरूरी है।

-सुनील गोयल, दुकानदार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.