कोरोना काल में जरूरी है सकारात्मक रहना
सबसे पहली लड़ाई हमारे मस्तिष्क में जीती जाती है उसके बाद ही युद्ध भूमि पर। यदि हम हर समय अपने मन में हार और नकारात्मक विचारों को जगह देंगे तो परिणाम भी वैसा ही होगा।
संवाद सहयोगी, हाथरस : सबसे पहली लड़ाई हमारे मस्तिष्क में जीती जाती है, उसके बाद ही युद्ध भूमि पर। यदि हम हर समय अपने मन में हार और नकारात्मक विचारों को जगह देंगे तो परिणाम भी वैसा ही होगा। इस समय हमें सबसे ज्यादा •ारूरत है अपने आसपास चिता रहित वातावरण बनाने की। जिससे हम शारीरिक और मानसिक तौर पर खुश एवं स्वस्थ रहें।
क्लीनिकल मनोचिकित्सक रिकी लकड़ा बताती हैं कि ऐसे समय में खुद को सकारात्मक रखना बहुत जरूरी है। यह बात जरूर सोचिए कि हर बुरी परिस्थिति कुछ अच्छा लेकर जरूर आती है। कोरोना बुरा दौर है, लेकिन इस समय को अगर हम सकारात्मक पक्ष से सोचें तो क्या कभी आपने ऐसा सोचा था कि इतना समय अपने परिवार के साथ बिता पाएंगे? आज आप अपनों के साथ बहुत अच्छा समय बिता रहे हैं। खुद की देखभाल कर रहे हैं, अपनों की देखभाल कर रहे हैं। बस इस दौर से परेशान होकर खुद को नकारात्मकता की ओर न ले जाएं। बस, इस बात का ध्यान रखें कि बुरा समय भी अपने साथ कुछ अच्छा ही लेकर आता है। खुशहाली से भरा चितन
सकारात्मक सोच हर मुश्किल को आसान बना देती है। बस इसी सोच के साथ आगे बढ़ते जाएं। परिवार के साथ अच्छा समय बिताएं और यह सोचें कि आप इस बारे में सोचते थे कि जब मैं घर पर रहूंगा या रहूंगी तो मैं क्या करना चाहती थी? समय का सदुपयोग करें और अपनों के साथ समय बिताएं। खुद को नई चीजों से जोड़ें। कुछ नया सीखने की कोशिश करें। आप रसोई में जाकर कुछ नया व्यंजन बनाने के बारे में भी सोच सकते हैं। असली दोस्त होती हैं किताबें
तमाम लोग ऐसे हैं, जो किताबों के शौकीन तो रहते हैं लेकिन हमेशा अपना व्यस्त टाइम टेबल होने के कारण पढ़ नहीं पाते। आपके पास यह सबसे अच्छा मौका है कि आप जो किताबें अपने बिजी टाइम टेबल के कारण पूरी नहीं कर पाए थे, उन्हें अब पूरी कर सकते हैं। ध्यान लगाना हमारे मन-मस्तिष्क को शांत करता है और आपके गुस्से को कंट्रोल करता है इसलिए इससे जरूर जुड़ें और रोजाना ध्यान लगाएं।