फर्जीवाड़े में पूर्व बीईओ को नोटिस
संवाद सहयोगी, हाथरस : अपनी सहेली के प्रमण पत्रों पर नौकरी हासिल करने वाली शिक्षिका को ि
संवाद सहयोगी, हाथरस : अपनी सहेली के प्रमण पत्रों पर नौकरी हासिल करने वाली शिक्षिका को निलंबित कर दिए जाने के बाद अब कार्रवाई बीएसए के स्तर से तेज कर दी गई है। वेतन रोक दिए जाने के बाद भी आखिर किसके इशारे पर पेंशन पत्रावली वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय तक पहुंची। इस बात की तहकीकात कराई जा रही है। तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस देकर बीएसए ने जवाब मांगा है।
कथरिया के विद्यालय में तैनात शिक्षिका सरस्वती देवी के फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी पाने की शिकायत एक साल पहले सादाबाद के अमर ¨सह ने की थी। बीएसए ने तब शिकायत के आधार पर शिक्षिका का वेतन रोककर नोटिस जारी कर दिया था। करीब दस नोटिस जारी हो जाने के बाद भी शिक्षिका जवाब देने के लिए बीएसए कार्यालय नहीं आई। पिछले माह पुन: शिकायत होने पर बीएसए ने इस प्रकरण की पुन: जांच कराई। जांच में जो तथ्य सामने आए उन्हें देखकर बीएसए भी चकित रह गईं। शिक्षिका ने अपनी सहेली की मौत के बाद उसके प्रमाण पत्रों पर वर्ष 1996 में नौकरी हासिल कर ली थी। कुछ दिन पहले शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया था। अब कई पहलुओं पर जांच बीएसए ने शुरू कराई है। चर्चा है कि पिछले साल अप्रैल माह में वेतन रोके जाने के बाद भी कई माह तक शिक्षिका को वेतन मिलता रहा। वहीं जब शिक्षिका का वेतन रुक गया तो उसकी पेंशन पत्रावली की फाइल ब्लाक संसाधन केंद्र से वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय तक पहुंच गई। यदि विभागीय अधिकारी सक्रियता न दिखाते तो शिक्षिका अपनी पेंशन निर्धारण कराकर गायब हो सकती थी। बीएसए रेखा सुमन ने अब उस समय ब्लाक संसाधन केंद्र पर तैनात रहे खंड शिक्षा अधिकारी मुरसान नंदित गुप्ता को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
इनकी सुनो
आखिर पेंशन पत्रावली वेतन रुके होने के बाद भी बीआरसी से लेखाधिकारी कार्यालय कैसे पहुंच गई, यह जांच का विषय है। तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस देकर जवाब मांगा है। इसमें सख्त कार्रवाई होगी।
रेखा सुमन, बीएसए, हाथरस।