गमछा से पति ने घर में ही घोंटा था गला
महिला की हत्या में शामिल दूसरी पत्नी व पड़ोसी गिरफ्तार, पति व भतीजे की तलाश जारी सनसनी -हत्या से पहले पी थी शराब, दूसरी शादी के विरोध पर था गुस्सा -अजरोई मोड़ स्थित बंद पेट्रोल पंप के पास से गमछा बरामद
संवाद सूत्र, हाथरस : सासनी में जितेंद्र अपनी पत्नी दीपा की हत्या की योजना काफी पहले बना चुका था। इसके लिए वह मौके की तलाश में था। आठ सितंबर की सुबह दूसरी पत्नी रेखा को लेकर दीपा व जितेंद्र के बीच झगड़ा हुआ। रात को जितेंद्र ने भतीजे व पड़ोसी के साथ मिलकर पहले दीपा का गला दबाया, जब इससे मौत नहीं हुई तो गमछे का प्रयोग किया। घटना के समय रेखा पांचों बच्चों को पहली मंजिल पर ले गई थी।
सासनी पुलिस ने इस हत्याकांड में चौकीदार की तहरीर पर शुक्रवार को अज्ञात में मुकदमा लिखा था। पुलिस ने जितेंद्र की दूसरी पत्नी रेखा व पड़ोसी किशोर को गिरफ्तार कर लिया है। एसएचओ शैलेंद्र ¨सह के अनुसार किशोर घटनाक्रम के दौरान मौजूद था। उसने हत्याकांड की जानकारी दी। इसके बाद रेखा ने भी हत्या में शामिल होने की बात कबूल कर ली। दोनों से पुलिस पूछताछ में पता चला कि घटना वाले दिन जितेंद्र पहली पत्नी को लेकर काफी नाराज था। देर शाम जितेंद्र व उसके भतीजे सचिन ने शराब पी थी। इसके बाद वे घर में पहुंचे। पति का इशारा मिलते ही रेखा बच्चों को अपने कमरे में ऊपर ले गई। दीपा तब तक सो चुकी थी। सोते समय तीनों ने हमला किया। पुलिस के अनुसार सचिन व किशोर ने हाथ-पैर पकड़े तथा पति ने गला दबाया। फिर गमछे से उसका गला घोंट दिया। हत्या के बाद पूरी रात व दूसरे दिन शव घर में ही छिपाए रखा। पांचों बच्चों को एहसास नहीं हो सका कि उनकी मां की हत्या हो चुकी है। नौ सितंबर की शाम को जितेंद्र व सचिन शव को बाइक से ठिकाने लगाने ले गए। इसके बाद जितेंद्र ने पत्नी के लापता होने का स्वांग रचा, जिसपर पड़ोसियों को शक हुआ और चार दिन बाद वे कोतवाली पहुंचे।
गिरफ्तारी के बाद शनिवार को किशोर ने पुलिस को अजरोई मोड़ स्थित बंद पेट्रोल पंप के पास से गमछा बरामद कराया, जो शव छिपाने के बाद वहीं झाड़ियों में फेंक दिया गया था। पुलिस अब फरार जितेंद्र व सचिन की तलाश में जुटी है।
शव लेकर सड़क गिर गए थे
सासनी : हत्या के दूसरे दिन देर शाम को जितेंद्र व सचिन बाइक पर शव लेकर ठिकाने लगाने जा रहे थे। शव को बोरे में बंद कर बीच में रख लिया था। वजन के कारण बोरी लेकर दोनों बाइक सहित सड़क पर गिर गए थे। तब गली में कुछ लोग भी खड़े थे। इन लोगों ने दोनों की उठने में मदद की थी। जितेंद्र ने बोरी खुद ही उठाई थी, किसी को हाथ लगाने नहीं दिया था। तब लोगों को लगा था कि वह दुकान का सामान लेकर जा रहा होगा, लेकिन जब महिला के लापता होने की बात फैली तो लोगों को बोरे वाली बात ध्यान आई। दीपा को हो गया था हत्या का आभास
सासनी : हत्या से पहले ही दीपा को आभास हो गया था कि उसके साथ कुछ गलत होने वाला है। 18 साल से वह मोहल्ले में रह रही थी। घर में सौतन आने के बाद वह पड़ोसियों से ही अपना दुखड़ा रोती थी। हत्या से चंद दिनों पहले से वह लगातार सबको बता रही थी कि पति उसे कभी भी मार सकता है। मारपीट में कई बार उसका गला दबाने का प्रयास कर चुका है। लोगों ने उसे पुलिस के पास भी जाने की सलाह दी थी, पर डर की वजह से वह कहीं गई नहीं। किराया नहीं दे पा रही थी महिला
सासनी : शादीशुदा रेखा जितेंद्र के घर चार साल पहले किराए पर रहने आई थी। पुलिस छानबीन में पता चला है कि उसका पति गाड़ी चलाता था, जो कि उसे छोड़कर दिल्ली चला गया था। कमाई का स्त्रोत न होने के कारण किराया भी नहीं दे पा रही थी। यही वजह रही कि जितेंद्र व रेखा के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं और आखिर महिला के दबाव में उसने शादी भी कर ली। बच्चों की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
सासनी : मोहल्ला नया बिजलीघर के लोग यदि नहीं चेतते तो इस हत्याकांड की जानकारी पुलिस को नहीं हो पाती। मोहल्ले के लोग एकत्रित होकर कोतवाली पहुंचे, तभी पुलिस सक्रिय हुई और दो दिन में महिला की हत्या का राजफाश हो गया। अब पड़ोसी बच्चों की सुरक्षा को लेकर ¨चतित हैं। घटना का पर्दाफाश होने से पहले ही जितेंद्र को आभास हो गया था। इसलिए वह अपने पांचों बच्चों को लेकर घर में ताला लगाकर फरार है। लोगों ने पुलिस से जल्द से जल्द बच्चों को बरामद करने की मांग की है, जिससे उनकी जान को कोई खतरा ना हो।
मायके वालों से नहीं हो सका संपर्क
सासनी : गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ के लिए मोहल्ले में पहुंची। लोगों से काफी पूछताछ की, लेकिन कोई महिला के मायके की जानकारी नहीं दे सका। लोगों ने बस इतना बताया कि दीपा का मायका फीरोजाबाद में है। फीरोजाबाद में कहां, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। पड़ोसियों के अनुसार दीपा बताती थी कि उसके मायके में कोई नहीं है, इसलिए वह पति का विरोध नहीं कर पा रही है और दिन पर दिन उसकी हिम्मत बढ़ती जा रही है। अब पति के पकड़े जाने पर ही पुलिस मायके वालों के बारे में कोई जानकारी कर सकेगी।