30 रुपये में कैसे भरेगा पशुओं का पेट
3700 पशुओं के लिए मांगी 90 लाख 90 हजार रुपये की डिमांड फिक्रमंद -एक पशु पर रोजाना का खर्चा है करीब 100 रुपये -बजट मिलते ही पशुपालन विभाग करेगा चारे का इंतजाम
जासं, हाथरस : शासन ने छुट्टा पशुओं के भरण-पोषण के लिए 30 रुपये प्रति पशु धनराशि देने का निर्णय लिया है। छुट्टा पशुओं के भरण पोषण के लिए यह व्यवस्था ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है, क्योंकि प्रति पशु चारे का दैनिक खर्च कम से 80से 100 रुपये है। छुट्टा पशुओं की समस्या सामने आने के बाद भूसे के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं। दो माह में 200 रुपये प्रति कुंतल के भाव बढ़े हैं। चार दिन में ही भूसा के भाव 50 से 100 रुपये प्रति कुंटल तक बढ़ चुके हैं। आगामी दिनों में भूसे का संकट भी पैदा हो सकता है। प्रशासन ने गांव-गांव अस्थायी गोशाला में प्रधानों को पशुओं के भरण पोषण की जिम्मेदारी तय की है, लेकिन 30 रुपये में इन पशुओं का पेट कैसे भरेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
जनपद में छुट्टा पशुओं का ठीक-ठीक आंकड़ा तो प्रशासन के पास नहीं है, लेकिन अनुमान है कि आठ से 10 हजार के बीच निराश्रित पशु हैं। सासनी स्थित पराग डेयरी में प्रशासन ने 2500 पशुओं के रुकने का इंतजाम अस्थायी रूप से किया है। इनके चारे का संकट रोजाना ही प्रशासन के लिए चुनौती बना है। अभी प्रशासन समाज सेवियों की मदद से इन पशुओं के लिए चारे का इंतजाम कर रहा है। पशुपालन विभाग ने भी 3700 पशुओं के भूसे के लिए 99 लाख 90 हजार की डिमांड शासन को भेजी है। चार दिन में भूसे का दाम
50 रुपये प्रति कुंटल बढ़ा
जो धान का कुट्टी 500 रुपये व भूसा 700 रुपये प्रति कुंतल था, चार दिन में ही कुट्टी 600 रुपये प्रति कुंतल तो भूसा 800 रुपये कुंतल तक पहुंच गया है। बेबस किसानों के सामने भी पशुओं के दाना-पानी के लिए चुनौती खड़ी हो गई है।
दुधारू गाय की एक दिन की डाइट
सामग्री, रेट
10 किलो भूसा, 70
2 किलो चोकर, 30
1 किलो अरहर चुनी, 20
2 किलो मसूर चुनी, 30 बिना दूध वाली गाय की डाइट
सामग्री, रेट
08 किलो भूसा 56
1 किलो चोकर 15
500 ग्राम अरहर चुनी 10
1 किलो मसूर चुनी 15 वर्जन
पशुओं के लिए डिमांड भेजी गई है, 30 रुपये में पशुओं के लिए चारे का इंतजाम करना मुश्किल होगा, लेकिन अन्य मदों से पशुओं के भरण पोषण का इंतजाम किया जाएगा। चरागाह की भूमि पर चारा उगाने के इंतजाम भी शुरू किए हैं, जिससे चारे की समस्या न पैदा हो।
-डॉ. वीपी ¨सह, मुख्य पशु चिकित्साअधिकारी