हॉट सीट हाथरस पर फंसा पेच
हाथरस के प्रत्याशी की घोषणा न होने पर बढ़ा सस्पेंस सियासी सरगर्मी सियासी दंगल के छह दावेदारों के नामों की तेजी से हो रहीं चर्चाएं सांसद राजेश दिवाकर अंजुला माहौर के बाद अशोक प्रधान भी चर्चा में
जागरण संवाददाता, हाथरस : लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के नामांकन में महज दो दिन शेष हैं मगर हाथरस सीट पर भाजपा शनिवार देर रात तक प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकी, जबकि भाजपा की पांच सूची जारी हो चुकी है। अब पार्टी में अंदरखाने छह प्रत्याशियों के नामों प्रबल चर्चाएं चल रही हैं। शायद रविवार को पर्दा उठ जाए।
हाथरस सुरक्षित सीट पर हमेशा से भाजपा का दबदबा रहा है। पिछले तीन दशक से भाजपा लगातार यहां से जीतती आ रही है। इसीलिए यहां भाजपा के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। 21 मार्च की शाम को जारी हुई भाजपा की पहली सूची में हाथरस, कैराना, नगीना और बुलंदशहर पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए थे। लग रहा था कि अगली सूची में नंबर आ जाएगा मगर शनिवार को जारी हुई सूची में नगीना, कैराना और बुलंदशहर के प्रत्याशी तो फाइनल हो गए मगर हाथरस अटक गया। इसके बाद शनिवार शाम को जारी हुईं पांचवीं सूची से भी नाम गायब रहा। भाजपा ने 280 से अधिक उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, हाथरस सीट की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। चर्चाओं में दावेदार
हाथरस सीट से पार्टी के 20 से अधिक दावेदार थे। अब इनमें से छह नाम सियासी गलियारों में उछल रहे हैं। इनमें मौजूदा सांसद राजेश दिवाकर, उनकी पत्नी श्वेता दिवाकर, पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक प्रधान, लोकसभा क्षेत्र हाथरस की प्रभारी और आगरा की पूर्व मेयर अंजुला माहौर, इगलास के विधायक राजवीर दिलेर की बेटी और केंद्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य मंजू दिलेर के साथ-साथ आगरा के सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया का नाम चर्चाओं में रहा।
राजेश दिवाकर व उनकी
पत्नी का दावा मजबूत
हाथरस सीट पर सांसद राजेश दिवाकर के साथ-साथ उनकी पत्नी श्वेता दिवाकर का नाम प्रमुख दावेदारों में बताया जा रहा है। टिकट की घोषणा में देरी पर दो कयास लग रहे हैं। पहला यह कि सांसद की टिकट कट सकती है, मगर सवाल उठता है कि कटनी होती तो अब तक कट चुकी होती। भोला को टिकट मिलते ही
प्रधान पर बढ़ी सरगर्मी
पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक प्रधान का नाम हाथरस, बुलंदशहर या फिर दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में से एक पर फाइनल माना जा रहा था। शनिवार शाम को बुलंदशहर से भोला सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। इसके बाद हाथरस से अशोक प्रधान के नाम की चर्चाओं ने जोर पकड़ा। 2014 में भी यही स्थिति थी।
अंजुला व मंजू दिलेर
खरीद चुकी हैं परचा
पूर्व मेयर अंजुला माहौर और मंजू दिलेर पहले ही पर्चा खरीदकर सियासी दलों में चर्चाओं में बनी हुई हैं। जातीय समीकरणों को देखते हुए पार्टी उनके नाम पर मंथन कर रही है।
टिकट कटने के बाद शुरू
हुआ कठेरिया का नाम
21 मार्च की शाम को आगरा के सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया का टिकट कटते ही उनके भविष्य को लेकर चर्चाएं शुरू हुईं। माना जा रहा था कि उन्हें इटावा सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इसी बीच उनके हाथरस सीट से दावेदारी के कयास भी शुरू हो गए। सूत्रों की मानें तो उन्होंने हाईकमान से मिलकर हाथरस से दावेदारी पेश की है।