हिस्ट्रीशीटर ¨रकू का कत्ल, शव सरसों के खेत में मिला
तीन दिन से लापता था, मैंडू में भैरव मंदिर के पीछे मिला शव सनसनी -गला दबाकर या जहर देकर हत्या का अंदेशा, पुलिस जुड़ी पड़ताल में -वर्ष 2016 में रोकेंद्र की हत्या कर घर में शव जलाने का आरोपित था
संवाद सहयोगी, हाथरस : तीन दिन से लापता नशा कारोबारी हिस्ट्रीशीटर ¨रकू (48) का शव शुक्रवार शाम मैंडू में भैरव मंदिर के पीछे सरसों के खेत में मिल गया। परिजनों ने हत्या कर शव खेत में छिपाने का अंदेशा जताया है।
अक्रूर इंटर कॉलेज परिसर में रहने वाला ¨रकू 15 जनवरी की शाम को अचानक लापता हो गया था। शाम पांच बजे से उसका फोन बंद था। परिजनों की शिकायत पर हाथरस गेट पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की थी। शुक्रवार शाम कोतवाली हाथरस जंक्शन क्षेत्र के कस्बा मैंडू में अजीतपुर मोड़ के पास सड़क किनारे सरसों के खेत में ¨रकू का शव ग्रामीणों को दिखा। शव को कंबल से लपेटकर फसल के बीच छिपाया गया था। तीन दिन बीतने के कारण लाश फूल गई थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शिनाख्त ¨रकू के रूप में की। शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं थे। उसके होंठ पर थोड़ा खून जरूर लगा था। पूरा शरीर नीला पड़ रहा था। ¨रकू की हत्या की खबर पर एएसपी सिद्धार्थ वर्मा और सीओ सिटी सुमन कनौजिया हाथरस गेट थाने पहुंचीं। पुलिस का मानना है कि ¨रकू की हत्या गला दबाकर या जहर देकर की गई है। फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
हाथरस गेट कोतवाली प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र कुमार दीखित ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक मुकदमे को तरमीम किया जाएगा।
परिजनों का हंगामा, बदले का एलान
हाथरस जंक्शन पुलिस जैसे ही शव लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंची, परिजन भी पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। परिजनों ने कुछ लोगों पर ¨रकू की हत्या करने का अंदेशा जताया। पत्नी कुसुम ने कहा कि लेनदेन को लेकर ¨रकू का विवाद कुछ लोगों से चल रहा था। रोकेंद्र उर्फ रॉकी की हत्या का आरोप लगने के बाद भी ¨रकू कुछ लोगों के निशाने पर था। ¨रकू के पत्नी और बेटों ने पुलिस पर इस मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा काटा। उन्होंने कहा कि वह 24 घंटे के अंदर ¨रकू की मौत का बदला ले लेंगे।
50 हजार का इनाम था
लापता ¨रकू का पता लगाने के लिए परिजनों ने सोशल मीडिया का भी सहारा लिया था। फेसबुक पर ¨रकू का फोटो पोस्ट कर सूचना देने वाले को 50 हजार रुपये का इनाम देने का एलान किया गया था। ------------------ रोकेंद्र हत्याकांड में आरोपित, एनडीपीएस में हुई थी सजा
संस, हाथरस : नशा कारोबारी रमन उर्फ ¨रकू गुप्ता (48) अपने साथी रोकेंद्र की हत्या में मुख्य आरोपित था। फिलहाल जमानत पर था। ¨रकू गुप्ता कोतवाली सदर व हाथरस गेट से कई बार एनडीपीएस एक्ट में जेल जा चुका था। जेल से बाहर आने के दो दिन बाद ही उसने 13 जनवरी 2016 की रात अपने पुराने नौकर रोकेंद्र उर्फ रॉकी निवासी लहरा की हत्या कर दी थी तथा शव अपने घर में ही जला दिया था। दरअसल ¨रकू के घर से रुपयो से भरा बोरा गायब था। इस शक में रोकेंद्र की हत्या हुई थी। रोकेंद्र हत्याकांड में ¨रकू व उसकी पत्नी कुसुम सहित आठ लोग जेल गए थे। वर्ष 2016 में ही जिला सत्र न्यायालय से उसे एनडीपीएस एक्ट में सजा भी हो गई थी। वर्ष 2017 में ¨रकू जमानत पर बाहर आया था। जेल से आने के बाद से वह अधिकतर समय घर में ही रहता था।
परिजनों की थ्योरी पर
पुलिस को यकीन नहीं
हाथरस : परिजनों के अनुसार फोन आने पर मंगलवार की रात 11 बजे ¨रकू अपने घर से निकला था, जबकि ¨रकू का फोन शाम पांच बजे ही बंद हो गया था। पुलिस के मुताबिक शाम पांच बजे फोन बंद था जबकि परिजन कह रहे हैं कि शाम पांच बजे के बाद ¨रकू को दो कॉल आई थीं। आखिरी कॉल के बाद वह घर से चला गया था। पुलिस को यहीं परिजनों की कहानी में झोल नजर आ रहा है। पत्नी कुसुम के अनुसार मंगलवार रात आठ बजे से ही ¨रकू के मोबाइल पर लगातार फोन आ रहे थे। उन्होंने बताया कि रात 10.20 पर उन्होंने खाना खाया और फिर सो गए। पत्नी के अनुसार रात 12 बजे के करीब जब आंख खुली तो वे कमरे में नहीं थे। परिवार के अन्य सदस्यों से जानकारी की तो पता चला कि फोन आने पर लगभग 11 बजे वे घर से निकले थे, जिसके बाद नहीं लौटे। बुधवार की सुबह कुसुम ने कोतवाली हाथरस गेट में शिकायत की। गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस छानबीन करने घर पहुंची, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस के अनुसार मंगलवार शाम पांच बजे ही ¨रकू का फोन बंद हो गया था, जबकि परिजन रात तक फोन आने की बात कह रहे थे। जो व्यक्ति दिन में घर से निकलने से डरता हो, वह किसी के बुलाने पर रात को अकेला बाहर क्यूं जाएगा? इन सब सवालों के जवाब पुलिस तलाश रही है।
¨रकू पर दर्ज थे आठ मुकदमे
हाथरस : ¨रकू पर आठ मुकदमे दर्ज थे। कुछ समय पहले ही हाथरस गेट थाने में ¨रकू की हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। उस पर अकेले एनडीपीएस के पांच मुकदमे थे। साल 2011 में ¨रकू पर धारा 110जी के तहत हाथरस गेट पुलिस ने कार्रवाई की थी। साल 2013 में आबकारी अधिनियम के तहत पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। 2014 में हाथरस गेट कोतवाली में एनडीपीएस का एक, साल 2015 में हाथरस गेट कोतवाली में ही एनडीपीएस के दो मुकदमे दर्ज किए गए। साल 2016 में रोकेंद्र की हत्या का मुकदमा और 2017 में सदर कोतवाली में एनडीपीएस का मुकदमा दर्ज किया गया।