Move to Jagran APP

Hathras Case News: चार्जशीट दाखिल होने के बाद बूलगढ़ी गांव छोड़कर दिल्ली जाना चाहता है पीड़िता का परिवार

Hathras Case News अभी तक बूलगढ़ी छोड़कर न जाने की बात करने वाले मृतका के स्वजन अब हाथरस से जाना चाहते हैं। पिता का कहना है कि सीबीआइ ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया। यहां का माहौल ठीक नहीं लग रहा। यहां समाज भी थोड़ा अलग है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 01:44 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 12:40 AM (IST)
मृतका के पिता ने कहा कि इस केस को हम हाथरस से दिल्ली ट्रांसफर कराना चाहते हैं

हाथरस, जेएनएन। सीबीआइ के चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और पीड़िता की मौत के मामले में चार्जशीट दाखिल करने के बाद अब पीड़िता  का परिवार गांव छोड़ने की योजना बना रहा है। मृतका के पिता ने कहा कि हम हाथरस छोड़कर दिल्ली बस जाना चाहते हैं। हालांकि वह इस केस में सीबीआइ की जांच से पूरी तरह से संतुष्ट भी है, उनका मानना है कि सीबीआइ ने अपनी जांच में दूध का दूध और पानी का पानी अलग कर दिया है।

loksabha election banner

बूलगढ़ी गांव में मृतका के घर के बाहर सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई है। परिवार सीआरपीएफ की सख्त सुरक्षा के घेरे में हैं। इसी बीच रविवार को मृतका के पिता ने कहा कि इस केस को हम हाथरस से दिल्ली ट्रांसफर कराना चाहते हैं। हमारा अब यहां रहने का मन नहीं है। अभी तक बूलगढ़ी छोड़कर न जाने की बात करने वाले मृतका घर के स्वजन अब हाथरस से जाना चाहते हैं। मृतका के पिता का कहना है कि सीबीआइ ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया है। यहां का माहौल ठीक नहीं लग रहा। यहां पर समाज भी थोड़ा अलग है। अब तो केस तो अब कहीं ट्रांसफर होगा। हम चाहते हैं कि केस दिल्ली ट्रांसफर हो जाए। हम भी दिल्ली जाना चाहते हैं।

पीड़िता के घर के बाहर खुफिया टीम तैनात

हाथरस के चर्चित कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले में शुक्रवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है। खुफिया तंत्र एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। घटना से बाद से गांव में एक एलआईयूकर्मी लगातार ड्यूटी पर है। जो आने जाने वाले हर व्यक्ति पर नजर बनाये हुए है। पीड़ित परिवार के घर पर सीआरपीएफ ने भी अपनी सुरक्षा मजबूत कर दी है। पीड़िता के घर के आसपास के रास्तों पर कंटीले तार लगा दिए हैं। केवल मेनगेट से ही प्रवेश दिया जा रहा है। इसके साथ ही अब जवान गांव में भी चौबीस घंटे गश्त दे रहे हैं। सीआरपीएफ ने भी अपने स्तर से सुरक्षा के और पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं। घर के बाहर बने एक कमरे के आसपास तार लगा दिये। ताकि कोई भी व्यक्ति प्रवेश न कर पाए। घर आने जाने वाले हर व्यक्ति की तलाशी ली जा रही है। उसके नाम पता और मोबाइल नंबर दर्ज किया जा रहा है।

अब अलग-अलग बैरक में चारों आरोपी 

सीबीआइ के चार्जशीट दाखिल करने के बाद अलीगढ़ जिला जेल बंद में चारों आरोपितों को अलग-अलग किया जाएगा। अभी तक एक ही बैरक में बंद इन चारों युवकों को अब जेल प्रशासन ने अलग बैरक में रखने का फैसला लिया है। इसके अलावा चारों पर पैनी नजर भी रखी जा रही है।

सीबीआइ ने चारों को माना दोषी

सीबीआइ ने अपनी जांच के बाद चारों आरोपियों को दोषी मानते हुये उनके खिलाफ अदालत में केस डायरी सहित आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। सीबीआई ने जांच में किसी को बाहर नहीं किया है। सीबीआइ ने 69 दिन की जांच के बाद हाथरस की एससी-एसटी कोर्ट में शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। चार्जशीट में अलीगढ़ जेल में पिछले लगभग तीन महीनों से बंद चारों युवकों पर सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, छेड़छाड़ तथा एससी-एसटी एक्ट में आरोप तय किया गया है।

क्या था मामला

हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को दिन में दलित युवती के साथ कुछ युवकों ने कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया और बाद में उसके साथ मारपीट की। लड़की की हालत गंभीर होने पर पहले उसको अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज, उसके बाद तबियत बिगड़ने पर दिल्ली सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। आनन-फानन में लड़की के शव को हाथरस लेकर आई पुलिस ने बिना किसी परिवार के सदस्य की मौजूदगी के रात में फूंक दिया था। इसके बाद पूरे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया। मामले की निष्पक्ष जांच करने के लिए सरकार ने एसआइटी तथा एसटीएफ से जांच कराने के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.