इस बार पांच महीने का होगा चातुर्मास
घरों में ही पूजा-अर्चना और तपस्या की जाएगी अधिमास के कारण बढ़ा चातुर्मास का वक्त
जासं, हाथरस : कोरोना संक्रमण काल के चलते इस वर्ष जैन समाज के चातुर्मास पर भी असर पड़ा है। इस वर्ष अधिमास होने से चातुर्मास पांच महीने का होगा। इसका समापन नवंबर में होगा। ऐसा पहली बार हो रहा है कि चातुर्मास में साधु-संतों का प्रवास नहीं होगा।
ये होंगे कार्यक्रम
चार जुलाई से चातुर्मास की शुरुआत हो गई है। पांच जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाने के साथ छह जुलाई को वीरशासन जयंती, 26 जुलाई को मोक्ष सप्तमी, तीन अगस्त को रक्षाबंध, चार अगस्त से तीन सितंबर तक षोडश कारण व्रत चलेगा। श्वेतांबर स्थानक वासी का पर्यूषण पर्व 15 जुलाई से 22 अगस्त तक और दिगंबर जैन मतावलंबी 23 अगस्त से एक सितंबर तक दश लक्षण पर्व मनाएंगे। 28 अगस्त को सुगंध दशमी व्रत, एक सितंबर को अनंत चतुर्दशी व्रत, 30 अगस्त से दो सितंबर तक सत्नत्रय पर्व, तीन सितंबर को क्षमावाणी पर्व, 31 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा, 15 नवंबर को महावीर निर्वाण का पूजन किया जाएगा।
घरों में ही पूजा
इस बीच घरों में रहकर ही तपस्या की जा रही है। सुबह श्री जी के सामने बैठकर दीप जलाकर कलश की स्थापना के बाद विधि विधान से पूजा की जा रही है। जाप के साथ हवन भी किया जा रहा है। शाम को आरती की जाती है। परिवार के साथ दिन में एक बार घर का बना हुआ शुद्ध भोजन किया जा रहा है।
वेबिनार का आयोजन
कोरोना संक्रमण को देखते हुए दर्शन व प्रवचन की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। भारत जैन महामंडल ने आश्रीर्वचन के लिए वेबिनार का आयोजन किया है ताकि घर बैठे प्रवचन सुन सकें।
चातुर्मास का महत्व
साधु संतों की साधना का पर्व है चातुर्मास। इन महीनों में साधु संत साधना में लीन रहते हैं। अधिमास होने के कारण इस बार एक महीने अधिक साधना की जाएगी। इस बीच पड़ने वाले पर्वों को शारीरिक दूरी के साथ मनाए जाएंगे। बोले समाज के लोग
कोरोना के संक्रमण को देखते हुए आयोजनों को सीमित किया जा रहा है। घर पर रहकर की पूजा अर्चना की जाएगी। मंदिरों में शारीरिक दूरी के साथ दर्शन हो सकेंगे।
-राकेश कुमार जैन अधिक मास होने के कारण चातुर्मास पांच महीने का होगा। घरों में ही रहकर तपस्या व अन्य पूजा कार्यक्रम जारी रहेंगे। कोरोना को देखते हुए नियमों का पालन करना चाहिए।
जितेंद्र जैन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण समाज के कार्यक्रमों पर भी असर पड़ेगा। घरों में ही पूजा व अन्य कार्यक्रम होंगे। समाज के लोग इसमें सहयोग करेंगे।
कमलेश जैन