पहले छिनी मां की ममता, अब पिता का सहारा छूटा
तसींगा के ¨सदूरा में पिता की मौत से बेसहारा हुए तीन मासूम ब्लर्ब मां, दादा, दादी के बाद शनिवार को दाऊजी में पिता ने तोड़ा दम
संवाद सूत्र, हाथरस : सादाबाद में तसींगा क्षेत्र का एक गांव है ¨सदूरा, यहां रहने वाले तीन मासूमों की हालत देख बदनसीबी का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। शनिवार को इनके सिर से पिता का साया उठ गया। इससे पहले मां, दादा और दादी भी बच्चों को छोड़कर जा चुके हैं। गांव में बने झोंपड़े में तीन मासूम अपने दुर्भाग्य पर आंसू बहाने को मजबूर हैं। पिता न कोई बचत राशि छोड़ गए हैं और न ही जमीन। घर में भेट भरने के लिए अनाज तक नहीं है।
विनोद कुमार पुत्र कुमरपाल का भरा पूरा परिवार था। खेती के लिए जमीन नहीं थी, लेकिन मेहनत मजदूरी करके सबका पेट पाल रहे थे। किस्मत ऐसी रूठी कि आज बच्चे यतीम हो गये हैं। पहले पत्नी का साथ छूटा। इसी साल जुलाई में विनोद के पिता गुजर गए और दो माह बाद सितम्बर में विनोद की मां भी चल बसी। परिवार में विनोद और तीन मासूम बच्चे विष्णु, प्रीती और दुर्गेश रह गए थे।
शनिवार को चालीस वर्षीय विनोद दाऊजी मंदिर दर्शन के लिए गए थे। वहां वह गिरकर बेहोश हो गए और बाद में दम तोड़ दिया। बल्देव पुलिस ने जब शव गांव भिजवाया तो बच्चों के चेहरे उतर गये। मासूमों की हालत देखकर लोगों को तरश आ रहा था। विनोद के अंतिम संस्कार की बात आई तो घर में चवन्नी नहीं मिली। इसलिए चंदा करके कफन लाया गया, गांव से लकड़ी इकट्ठी कर अंतिम संस्कार किया गया। विष्णु, प्रीती व दुर्गेश के सिर से पहले की मां की ममता रूठी और अब पिता का प्यार भी छिन गया। रहने के लिए बच्चों के पास एक अदद झोंपड़ी है। विष्णु सबसे बड़ा है जिसकी उम्र महज दस साल है। प्रीती छह साल की और दुर्गेश चार साल की है। इनकी पढ़ाई लिखाई और परवरिश भगवान भरोसे है।