नो-एंट्री में एंट्री, जाम से जूझा शहर
शहर के प्रमुख बाजारों में दिन में होती है लोडिग-अनलोडिग नहीं होती कार्रवाई मुसीबत की मार -प्रमुख मार्गों से लेकर बाजार तक में दिनभर रहता है जाम नहीं है इंतजाम -सुबह आठ बजे से पहले बड़े वाहन घुस जाते हैं दिनभर जमे रहते हैं
जागरण संवाददाता, हाथरस : तालाब चौराहे पर ओवरब्रिज निर्माण शुरू होने के बाद से शहर के हालात ही बदल गए हैं। वैकल्पिक व्यवस्था तो दूर, नो एंट्री का भी पालन नहीं हो रहा है। इससे पूरा शहर जाम झेल रहा है। शहर के गुड़हाई, नजिहाई, पत्थर बाजार, मोहनगंज आदि में बड़े व्यावसायिक वाहन खड़े रहते हैं, जिनसे जाम लगता है और लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।
पुराने ढर्रे पर शहर
शहर में बदलाव व विकास नाम की चीज नहीं है। फुटपाथों पर कब्जे व जाम की समस्या को देखते हुए वर्ष 2015 में दैनिक जागरण ने महाअभियान चलाया था। उसके बाद प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। फुटपाथ व नालियों से अतिक्रमण ध्वस्त कराए थे। शहर में नो एंट्री व्यवस्था भी लागू की थी, जिससे दिन में जाम न लगे। सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक शहर में बड़े वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध था। बाकायदा पुलिस कर्मी शहर के एंट्री प्वाइंट पर तैनात किए गए थे, लेकिन कुछ महीने में ही यह व्यवस्था ढेर हो गई। अब शहर फिर से पुराने ढर्रे पर लौट आया है। दिन में जगह-जगह प्रमुख बाजारों में बड़े वाहन खड़े रहते हैं।
लोडिग-अनलोडिग बैन नहीं
निवर्तमान पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीना ने शहर में नो एंट्री व्यवस्था लागू की थी। अभी भी बाजारों में प्रवेश के प्रमुख मार्गों पर बैरियर लगाए गए हैं तथा होमगार्ड व पीआरडी जवान तैनात किए गए हैं, लेकिन इसके बाद भी मोहनगंज, नजिहाई बाजार, कमला बाजार, गुड़हाई बाजार में व्यावसायिक वाहनों से लोडिग-अनलोडिग होती रहती है। दरअसल कमला बाजार में सुबह आठ बजे से पहले ही बड़े ट्रक आकर खड़े हो जाते हैं। फिर दोपहर तक माल उतरता रहता है। यहीं पर बैलगाड़ी व छोटे लोडर वाहन भी खड़े हो जाते हैं। यही स्थिति मोहनगंज की भी है। शाम तक कोई न कोई वाहन खड़ा रहता है। शिफ्ट हो गुड़ मंडी
शहर से लगभग सभी मंडियां कृषि उत्पादन मंडी समिति में शिफ्ट हो चुकी हैं, लेकिन गुड़ मंडी अभी तक गुड़हाई बाजार में ही है। यह मंडी भी शिफ्ट होनी थी, लेकिन अभी तक प्रशासन ने इस मुद्दे पर ध्यान ही नहीं दिया है। ----------------- अब तो फुटपाथ तो दिला दो साहब
फोटो- 31, 32, 36 से 39 ब्लर्ब-
सड़क तो बनी पर नहीं बने फुटपाथ, प्रमुख मार्गों पर पैदल चलने वालों को परेशानी संस, हाथरस : सड़क तो बनी पर फुटपाथ गायब हो गए। इनकी याद शहर में जाम लगने पर आती है। तालाब चौराहे पर बन रहे ओवरब्रिज के चलते रेलवे क्रॉसिग का गेट बंद कर देने से भी जाम की समस्या विकराल बन गई है। जाम में फसने पर लोगों के मुंह से अनायास ही निकलता है, 'अब फुटपाथ तो राहगीरों को दिला दो साहब।'
शहर से गुजरने वाली सड़कों का कायाकल्प हो चुका है। मथुरा-बरेली राष्ट्रीय राजमार्ग व आगरा-अलीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कें दुरस्त कर दी गई हैं। शहर में अन्य सड़कें भी पहले से बेहतर हैं मगर फुटपाथों पर कोई ध्यान नहीं है। जब से ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, तबसे जाम की समस्या भी बढ़ गई है। लोगों की अपेक्षा है कि आसन्न संकट को देखते हुए अब फुटपाथों की मुक्ति का भी बड़ा अभियान चलना चाहिए। जोखिम में जान कब तक :
बेहतर सड़क होने से फर्राटा भरते वाहनों से हर समय हादसे का डर बना रहता है। लोग ऐसे वाहनों से बचने के लिए रेलवे लाइन के सहारे होकर निकलने के लिए मजबूर हैं। यहां भी उनके लिए कोई दुर्घटना की संभावना हर समय बनी रहती है। इनका कहना है
मुरसान से पढ़ने के लिए यहां के कालेज में आती हूं। सड़कों पर फुटपाथ नहीं होने से हर समय दुर्घटना का डर बना रहता है।
-दीपिका दीक्षित, छात्रा सड़क बनाते समय फुटपाथ का भी निर्माण कराना चाहिए। पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ ही सुरक्षित है। संबंधित विभाग को फुटपाथ मुक्त कराना चाहिए।
-प्रिया पचौरी छात्रा इनका कहना है
नो एंट्री की व्यवस्था को शहर में सुचारु कराया जाएगा। बाजारों में जाम नहीं लगने दिया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों के साथ बैठक कर प्लानिग कर उसे प्रभावी ढंग से लागू करेंगे।
-जेपी सिंह, प्रभारी जिलाधिकारी हाथरस।