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चुनाव के लिए हसायन में बन रहे थे तमंचे

संवाद सहयोगी, हाथरस : नगर निकाय चुनाव के करीब आते ही अवैध हथियारों की मांग बढ़ गई है

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Nov 2017 01:15 AM (IST)Updated: Sun, 05 Nov 2017 01:15 AM (IST)
चुनाव के लिए हसायन में बन रहे थे तमंचे

संवाद सहयोगी, हाथरस : नगर निकाय चुनाव के करीब आते ही अवैध हथियारों की मांग बढ़ गई है। ऐसा लाइसेंसी असलाह जमा कराने के कारण भी हो रहा है। इसके कारण बड़े पैमाने पर तमंचा व बंदूक बनाने का काम किया जा रहा है। सिकंदराराऊ के बाद शुक्रवार देर रात हसायन पुलिस ने तमंचा फैक्ट्री पर छापा मारा। यहां से हथियार व उन्हें बनाने का सामान बरामद किया गया। दो भाई मिलकर यह काम कर रहे थे, जिनमें से एक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

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पुलिस कार्यालय पर हुई पत्रकार वार्ता के दौरान एसपी सुशील घुले ने बताया कि शुक्रवार देर रात मुखबिर की सूचना पर एसओ प्रवीण कुमार व एसआइ जितेंद्र प्रताप ने सीतापुर नहर खारिजा की पटरी के पास फैक्ट्री पर छापा मारा गया। यहां से राजेंद्र पुत्र धनीराम निवासी जनसोई, सिकंदराराऊ को गिरफ्तार कर लिया गया। राजेंद्र का भाई रामपाल उर्फ प्रेमपाल उर्फ भूरे भागने में कामयाब रहा। एसपी के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से यहां हथियार बनाने का काम चल रहा था। पुलिस के अनुसार यह लोग जगह बदलते रहते हैं, जिससे छापे की संभावना कम रहे। पुलिस ने मौके से एक बंदूक 12 बोर, तीन तमंचे 315 बोर, तीन अधबने तमंचे, तीन खोखा कारतूस, एक ¨जदा कारतूस तथा हथियार बनाने में प्रयोग किए जाने वाला सामान बरामद किया गया। भट्ठी लगाकर नहर की पटरी के पास के खंडहर में काम चल रहा था तथा सिकंदराराऊ व एटा तमंचों की सप्लाई की जा रही थी। ठंड के चलते गांव-देहात में बंदूक की भी डिमांड रहती है। इसलिए बंदूक भी बनाई जा रही थी।

एसपी सुशील घुले ने बताया कि राजेंद्र व रामपाल तमंचा बनाने में एक्सपर्ट हैं। अब तक जितनी भी फैक्ट्री पकड़ी गई हैं, उनमें इससे अच्छी क्वालिटी के तमंचे बरामद नहीं किए गए। लोहे के साथ-साथ ये लोग पीतल व अन्य धातु का भी प्रयोग करते हैं। कारतूस पर चोट करने वाली पिन भी इस तरह की बनाई है, जो गहरी चोट करे और कारतूस किसी सूरत में मिस न हो।

अपने इसी हुनर के कारण राजेंद्र व रामपाल दोनों भाइयों के तमंचों की डिमांड काफी चल रही थी और वे अंधाधुंध तमंचे बनाने में जुटे थे। एसपी ने बताया कि दोनों भाई कई साल से इस अवैध कारोबार से जुड़े हैं, पर पहली बार पुलिस के हाथ आए हैं। आसपास के जिलों में इनका रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। वार्ता के दौरान एएसपी डा. अर¨वद कुमार, सीओ आशीष प्रताप ¨सह मौजूद थे।

अवैध हथियारों का हब

बना हाथरस-एटा बॉर्डर

हाथरस : अवैध हथियार बनाने का काम हाथरस व एटा बॉर्डर पर बड़े पैमाने पर होता है। सिकंदराराऊ व हसायन में लगातार पुलिस कार्रवाइयां दर्शाती हैं कि पूर्व में हुई कार्रवाइयों के बावजूद यहां अवैध हथियारों का काम बदस्तूर जारी है। सिकंदराराऊ क्षेत्र में कुछ महीने पहले मुरैना पुलिस ने भी दबिश दी थी तथा यहां से बड़ी मात्रा में हथियार बरामद कर ले गई थी। जिले से बाहर भी हाथरस के लोग तमंचे व पिस्टल की तस्करी करते पकड़े जा चुके हैं। इसी साल मथुरा पुलिस ने सिकंदराराऊ के दो लोगों को हथियारों की खेप ले जाते हुए दबोचा था। बॉर्डर से सटे कई इलाकों में अभी भी बड़े पैमाने पर अवैध हथियार बनाने का काम चल रहा है।


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