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कालाबाजारी पर अंकुश से राशन डीलरों का मोहभंग

कम मुनाफा व पीओएस मशीन लगने से आ रही दिक्कत धंधे का फंडा -पहले सरकारी राशन की दुकान पाने के लिए लगाते थे पूरा जोर -अब राशन डीलर त्यागपत्र देकर कर रहे राशन वितरण से तौबा

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 12:29 AM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 12:29 AM (IST)
कालाबाजारी पर अंकुश से  राशन डीलरों का मोहभंग
कालाबाजारी पर अंकुश से राशन डीलरों का मोहभंग

मदन मोहन शर्मा, हाथरस :

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गरीबों के लिए राशन वितरण की मॉनीट¨रग बढ़ने व कालाबाजारी पर अंकुश ने राशन डीलरों की नींद उड़ा दी है। इससे राशन डीलरों का राशन वितरण से मोहभंग होने लगा है। तमाम डीलर स्वेच्छा से त्यागपत्र देकर पिंड छुड़ाने में लगे हैं, जबकि पहले राशन की दुकान पाने के लिए लोग एड़ी-चोटी का जोर लगाते थे।

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 में बनाया था। इसके दायरे में देश की 70 फीसद आबादी तक मामूली दर पर खाद्यान्न पहुंचाने का संकल्प लिया गया, लेकिन इसके साथ ही एक शर्त रखी गई थी कि खाद्यान्न पाने वाले सभी उपभोक्ताओं का पूरा डाटा ऑनलाइन होना चाहिए। डाटा ऑनलाइन करते ही जिले में करीब डेढ़ लाख राशन कार्ड व करीब पांच लाख यूनिट कम हो गए थे। इनमें बोगस कार्ड तो सूची से गायब ही हो गए, जबकि पहले सभी जिले के प्रत्येक परिवार को खाद्यान्न का लाभ मिलता था, जिसमें अमीर लोगों के राशन का उठान न करने पर इसे राशन डीलर कालाबाजारी में बेच देते थे। फिर पूरा स्टाक निल दिखाकर अधिकारियों से रिपोर्ट लगवाकर काली कमाई का हिस्सा बांट लेते थे। अब पीओएस मशीन लगने से खाद्यान्न न उठान करने वालों का स्टाक अवशेष रहता है, जिसे अगले माह के स्टाक में शामिल कर लिया जाता है। इससे डीलरों की काली कमाई पर रोक लग गई है। कमाई कम होने से डीलरों का खाद्यान्न वितरण से मोहभंग हो रहा है। एनआइसी सर्वर में सेंध

से सहमे राशन डीलर

राशन वितरण में फुलप्रूफ एनआइसी सर्वर में भी केडीएस कंपनी के कंप्यूटर आपरेटरों ने सेंध लगा दी। जुलाई के वितरण में ही गरीबों का 3.26 लाख रुपये का खाद्यान्न उड़ा दिया। इस मामले में कंपनी आपरेटर व 9 राशन डीलरों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज कराई गई जिससे अन्य राशन डीलर भी सहम गए हैं। इनसेट-

यहां के डीलरों ने दिए त्यागपत्र

झगरार (सादाबाद), अल्हैपुर चुरसैन (हाथरस), गुमानपुर (मुरसान) सच्चिदानंद (पुरदिलनगर), उर्मिला चौधरी (हाथरस शहर), पवन कुमार (पुरदिलनगर), शंकरपुर (हसायन), नगला सकत (हसायन), तामसी (सादाबाद), सोरन लाल (हाथरस शहर)। अनियमितता में फंस चुके

हैं इन गांवों के डीलर

कुरसंडा, भुर्रका, खौंडा नगला बंजारा, हसनपुर बारू, बरौस, कपसिया मुबारिकपुर, पुरा कला, पुरा खुर्द, हाजीपुर, धातुरा खुर्द, कोटा, पोरा, ¨सचावली सानी, ढडौली, भटीकरा, कचौरा, भुर्रका, पुन्नेर, कछपुरा, पोरा, नगला शेखा, रामनगर, पैकवाड़ा, गहचौली, कोका, तामसी, मगटई, रामनगर नगला चटोल, नावली, नगला पदू, राजपुर, नावली, रायपुर टप्पा, रुहेरी। इनका कहना है..

शासन की मंशा के अनुरूप पूरी व्यवस्था आनलाइन कर दी गई है। अब गांवों में भी पीओएस सिस्टम लागू हो रहा है, जिससे काला बाजारी की संभावनाओं पर पूर्ण विराम लग जाएगा। इसमें अंगूठा या पुतलियों से कार्डधारक की पहचान होगी, जिसमें कोई दूसरा व्यक्ति राशन नहीं ले पाएगा। न लेने वाले उपभोक्ताओं का स्टाक मशीन में सुरक्षित रहेगा।

-सुरेंद्र यादव, जिला पूर्ति अधिकारी आठ दिन बाद शुरू हुआ राशन वितरण

हाथरस : राशन डीलरों का उत्पीड़न रोकने, सुविधाएं बढ़ाने की मांग को लेकर पांच सितंबर से हड़ताल पर चल रहे राशन डीलरों ने आठ दिन बाद गुरुवार को अपनी दुकानें खोलकर राशन का सुचारू वितरण शुरू कर दिया है, लेकिन अपना आंदोलन यथावत रखा है। खाद्यान्न वितरण की सूचना मिलते ही नगर व ग्रामीण क्षेत्र के तमाम उपभोक्ता राशन डीलरों की दुकानों पर पहुंचकर राशन पाने को लाइन में लग गए। देर शाम तक राशन का सुचारू वितरण हुआ।


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