लक्ष्मण रेखा लांघते ही सीताजी का हरण
सीताजी को रावण से छुड़ाते समय घायल हो गए थे जटायु
संवाद सहयोगी, हाथरस : रामलीला में बुधवार को सीताहरण लीला का मंचन किया गया। लाख मना करने के बाद भी लक्ष्मण को राम की सहायता के लिए भेजना बड़ी मुसीबत लाता है और रावण सीताजी का हर ले जाता है।
आचार्य कृष्णमुरारी व्यास के मुताबिक शूर्पणखा अपनी कटी नाक जब भाई खरदूषण को दिखाती है तो वह तैश में आकर रामजी से युद्ध को जाता है, मगर सेना समेत मारा जाता है। यह खबर रावण को मिलती है तो वह बदला लेने के लिए मारीच की मदद लेता है। मारीच सोने का हिरन बनकर राम को अपने पीछे ले जाता है। राम के बाण से आहत होकर हा लक्ष्मण पुकारता है। इसे सुनकर सीताजी लक्ष्मण को राम की सहायता के लिए भेजती हैं। लक्ष्मण जाते समय कुटिया के चारों ओर रेखा खींच देते हैं और उसके बाहर न आने को कह जाते हैं। तभी साधु वेश में वहां रावण आकर भिक्षा मांगता है। सीता जी जैसे ही रेखा पार कर उसे भिक्षा देती हैं तभी वह सीता का हरण कर ले जाता है। सीता को बचाने आए जटायु के पर काट देता है। उसके बाद सीता की तलाश में श्रीराम की मुलाकात सुग्रीव व हनुमान से होती है। इस पूरी कथा का मंचन कलाकारों ने रोचक ढंग से किया। गुरुवार को बालि वध लीला का मंचन किया जाएगा।
निकुंज लीला में कृष्ण की मुंदरी चोरी
सुबह के समय रामलीला बाड़े में रासलीला के दौरान निकुंज लीला का मंचन किया गया। इसमें आचार्य कृष्णमुरारी व्यास ने बताया कि राधा के साथ वन विहार करते समय कृष्ण उनकी मुंदरी चुरा लेते हैं। खबर महल पहुंचने पर सखियों से राधा को पता चलता है तो वह कृष्ण को महल बुलवाकर सच्चाई जानना चाहती हैं। पहले तो कृष्ण मना करते हैं, मगर उनके फेंटा से मुंदरी मिलने पर और अपनी चोरी पकड़े जाने पर वह जंगल में जाकर सो जाते हैं। सखियों के कहने पर राधा उनके सारे आभूषण व मुरली आदि चुरा लेती हैं। कृष्ण बरसाने जाते हैं और वहां सखी का वेश धारण कर चालाकी से अपने आभूषण और मुरली वापस लाते हैं। इस लीला का कलाकारों ने मनोहारी मंचन किया।