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डेंगू से चिकित्सक की मौत अहरई में भी फैला बुखार

लाढ़पुर के चिकित्सक का दिल्ली में चल रहा था उपचार ब्लर्ब- जिले में नहीं थम रहा बुखार का प्रकोप डेंगू मलेरिया और वायरल की चपेट में आ रहे ग्रामीण

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 01:18 AM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 06:25 AM (IST)
डेंगू से चिकित्सक की मौत अहरई में भी फैला बुखार

संवाद सहयोगी, हाथरस : एक ओर स्वास्थ्य विभाग जिले में डेंगू का प्रकोप न होने का दावा कर रहा है वहीं लगातार मौतें हो रही हैं। जलेसर रोड स्थित गांव लाढ़पुर में 58 वर्षीय चिकित्सक की दिल्ली में उपचार के दौरान मौत हो गई। उनका पुत्र भी बुखार की चपेट में है। परिजनों का कहना है कि डेंगू से मौत हुई है। वहीं कछपुरा, रुदायन आदि जगहों पर तो राहत मिली है मगर अब मुरसान के अहरई में बुखार के प्रकोप से खलबली मची है।

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लाढ़पुर निवासी 58 वर्षीय उमेश गुप्ता डॉक्टरी कर चुके हैं और फिलहाल गांव में ही मेडिकल स्टोर चलाते थे। उनके पुत्र की तबीयत भी दस दिन से खराब चल रही है। परिजन दोनों को दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए थे। शनिवार को उमेश ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। परिजनों का कहना है कि उन्हें डेंगू की पुष्टि हुई है। उनकी प्लेटलेट्स काफी कम हो गई थी। ग्रामीणों ने बताया है कि गांव में तमाम लोग बुखार से पीड़ित हैं। कुछ लोगों को डेंगू भी हुआ है जिनका इलाज दूसरे जिलों के अस्पतालों में चल रहा है। ब्लॉक प्रमुख हाथरस अमर सिंह पांडेय ने गांव जाकर उमेश के परिजनों को सांत्वना दी। सीएमओ डॉ. ब्रजेश राठौर का कहना है कि लाढ़पुर में डेंगू से किसी की मौत की जानकारी उन्हें नहीं है। जिले में अभी तक डेंगू से कोई मौत नहीं हुई।

मुरसान : मुरसान के अहरई में बुखार के प्रकोप से खलबली मची है। शनिवार को इसकी जानकारी मिलते ही सीएमओ ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव भेजा। उधर, बसई बाबस व लाढ़पुर में भी टीम ने जाकर लोगों को राहत पहुंचाई।

शनिवार को मुरसान के गांव अहरई में बुखार से ओमवीर सिंह, स्नेहा, रोहित कुमार, संतोष, अंकित, राजवीर सिंह, उदयराम आदि बुखार से पीड़ित मिले। लोगों में डेंगू का खौफ भी है। डर सता रहा है कि कहीं उनकी सेहत ज्यादा न खराब हो जाए। गांव में गंदगी और जलभराव के कारण भी लोग परेशान हैं। मौसम बदलने के साथ बुखार का प्रकोप फैल रहा है।

ग्रामीणों का आरोप है कि मच्छर मारने की दवा तक का इस गांव में छिड़काव तक नहीं कराया जाता है। जल्द ही फागिग नहीं कराई गई तो स्थिति खराब हो सकती है। जिला अस्पताल में उपचार

जिले में बुखार का प्रकोप फैलने के बाद सतर्कता बरतने के निर्देश उच्च अधिकारियों ने जिला अस्पताल के सीएमएस को दिए हैं। अस्पताल में मरीजों का नियमित चेकअप किया जा रहा है। कछपुरा के करीब 20 मरीज अभी भी जिला अस्पताल में भर्ती हैं। सीएमएस डॉ.आइवी सिंह ने बताया कि अस्पताल में करीब 38 मरीजों का उपचार चल रहा है। इनमें दस्त, बुखार, खांसी आदि के मरीज भी शामिल हैं। इनकी सुनो

सभी एमओआइसी को निर्देश दिए हैं कि यदि कहीं से बुखार से पीड़ित मरीजों की जानकारी मिले तो वहां तत्काल जाकर दवाई वितरित करें। अहरई में बुखार का प्रकोप होने की बात गलत है। गांवों के लोग फागिग कराने के चक्कर में बुखार होने की गलत सूचनाएं दे रहे हैं।

-डॉ. ब्रजेश राठौर, सीएमओ, हाथरस।

हसायन के कई गांवों में कैंप लगे

संसू, हसायन : विकासखंड के गाव बसई बाबस और बाण में स्वास्थ्य विभाग ने संक्त्रामक रोगों की शिकायत मिलने पर कैंप लगाकर दवाएं वितरित कीं। दोनों जगह आधा दर्जन लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी सोनू निमेष के निर्देशन में डॉ.उपेंद्र कुमार फार्मासिस्ट दीपेंद्र के साथ गाव बसई बाबस पहुंचे और स्वास्थ्य शिविर लगाया। दूसरा शिविर गाव बाण में डा. रूपेश कुमार ने लगाया। बसई बाबस में 55 मरीज और बाण में 75 मरीजों को दवाई दी गई। दोनों जगह से क्त्रमश: पाच और सात लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए। ज्यादातर मरीज सर्दी, खासी, जुकाम के मिले। मरीजों की कुल संख्या 130 बताई गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी ने क्षेत्रीय लोगों से अनुरोध किया है कि यदि कोई भी संक्त्रामक रोग की शिकायत हो तो वह हसायन स्वास्थ्य केंद्र पर सूचना दें।


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