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ठंड से बीमार पड़ रहे गोवंश

पशुपालन विभाग 240 पशुओं का कर चुका है उपचार दिक्कतों का दौर -मंगलवार को सहपऊ में दो पशुओं को लगी ठंड -पशुओं को स्वस्थ रख पाना प्रशासन के लिए भी चुनौती

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 07:31 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 07:31 AM (IST)
ठंड से बीमार पड़ रहे गोवंश
ठंड से बीमार पड़ रहे गोवंश

जागरण संवाददाता, हाथरस : भीषण सर्दी का प्रकोप जनपद की अस्थायी गोशालाओं में बसाए गए पशुओं पर साफ देखने को मिल रहा है। लगातार पशुओं को ठंड से बीमार होने की शिकायतें सामने आ रही हैं। पशुपालन विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो अभी तक पशुपालन विभाग की टीम 240 पशुओं को उपचार दे चुकी है। रोजाना एक-दो पशु बीमार होने के मामले सामने आने से अब प्रशासन को पशुओं को स्वस्थ रखना चुनौती बनता जा रहा है। मंगलवार को सहपऊ ब्लॉक की ग्राम पंचायत धनौली बजीरपुर में दो पशु ठंड से बीमार हो गए। इन पशुओं को चिकित्सकों ने उपचार दिया।

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जनपद में करीब नौ हजार निराश्रित पशुओं की संख्या है। सही स्थिति पता करने के लिए पशुपालन विभाग ने पशुओं की टै¨गग भी शुरू कर दी है। सासनी की पराग डेयरी में करीब 2500 से अधिक पशुओं की संख्या है। पराग डेयरी में बि¨ल्डग होने के कारण यहां पशुओं के रहने की व्यवस्था ठीक है, लेकिन ग्राम पंचायत स्तर पर बनाई जा रही अस्थायी गोशालाओं में इन पशुओं के रहने का उचित प्रबंध नहीं हो पा रहा है। जनपद में करीब 35 से अधिक अस्थाई गोशाला का निर्माण हो चुका है और 250 से अधिक गोशाला का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं। जो अस्थाई गोशालाएं बनाई गई हैं, वहां पर पशुओं के रहने के लिए छतें नहीं हैं। अस्थाई गोशाला की सतह गीली होने से पशु गीले में ही बैठने को मजबूर हैं। इससे पशुओं में निमोनिया की भी संभावना बढ़ गई है।

नहीं बनी गोशाला, बाउंड्री

तोड़ विद्यालय में भरे पशु

हाथरस ब्लॉक के गांव मिर्जापुर में अभी तक अस्थाई गोशाला का निर्माण न होने से ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। मंगलवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्री तोड़कर पशु विद्यालय में भर दिए। प्रधान ज्ञान देवी ने बताया कि कर्मखंडी आश्रम पर जमीन खाली है, जहां अस्थाई गोशाला बनाई जा सकती है। इस संबंध में एक सप्ताह पूर्व प्रस्ताव डीएम को दिया गया था, लेकिन अभी तक इस ओर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। निराश्रित पशुओं के रखरखाव का इंतजाम न होने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है।

वर्जन -

पशुओं के रखरखाव के उचित प्रबंधन की जिम्मेदारी ग्रामीण स्तर पर गठित समितियों की है। जहां पशु बीमार हो रहे हैं, उन्हें तुंरत चिकित्सा दी जा रही है। सभी गोशालाओं पर पशुओं को स्वस्थ्य रखने के लिए टीमें गठित हैं।

-डॉ. वीपी ¨सह, पशु चिकित्साधिकारी


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