विद्यार्थियों के घर जाकर पढ़ाई
के प्रति लगाव बढ़ाएंगे शिक्षक
जागरण संवाददाता, हाथरस : परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को अब विद्यार्थियों के घर जाना होगा। वहां जाकर बच्चों की जिज्ञासाओं को शांत करने के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए उपयोगी तथ्यों की जानकारी अभिभावकों से लेनी होगी। अपनापन मिलने से बच्चों में शिक्षा के प्रति लगन बढ़ेगी। विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने के लिए यह कदम शिक्षा विभाग द्वारा उठाया गया है।
उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग ने परिषदीय स्कूलों की दशा सुधारने के लिए कई तरह की योजनाओं का संचालन शुरू कर रखा है। नित नए आयाम व दिशा-निर्देश शिक्षकों को दिए जा रहे हैं। इनका उद्देश्य स्कूली शिक्षा के स्तर को उठाना है। बच्चों को रचनात्मक रूप से सिखाने के लिए अपनापन बहुत जरूरी है। इसके लिए उनसे जुड़ाव शिक्षकों को रखना होगा। उनसे जुड़ी छोटी-छोटी बातों को भी शिक्षकों को समझना होगा। सख्ती व नियम का पालन करने से बच्चों में कुंठाभाव पैदा होता है।
गति पकड़ेगा शिक्षक-विद्यार्थी संबंध अभियान
शिक्षकों व बच्चों में जुड़ाव बनाने के लिए परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक-विद्यार्थी संबंध अभियान की कार्ययोजना तय की गई है। इसे अगस्त के दूसरे पखवाड़े से शुरू कर दिया गया है, जो दिसंबर के पहले पखवाड़े तक चलेगी। इसमें शिक्षकों को विद्यार्थियों के घरों तक जाना होगा। वहां जाकर विद्यार्थी के बारे में जानकारी एकत्रित करनी होगी। इसके लिए अभिभावकों को भी स्कूल बुलाना होगा।
बदलेगा परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक परिवेश
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि साप्ताहिक गतिविधियां तय की हैं। इसमें विद्यार्थियों को टीम भावना की तरह पढ़ाना होगा। शिक्षक घरेलू सामग्री व स्टेशनरी का उपयोग करके नवाचार करेंगे। महानिदेशक के इस आदेश के तहत शिक्षकों की गतिविधियां प्रेरणा एक्टिविटी माड्यूल पर अपलोड करने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापकों की होगी। विद्यालय, विकासखंड व जिलास्तर पर इसकी समीक्षा की जाएगी।
वर्जन
शिक्षा का स्तर उठाने और बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने में सराहनीय सहयोग करने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसमें अधिकारी से लेकर सभी का सहयोग शिक्षकों को मिलेगा।
- संदीप कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी