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एडेड स्कूलों में धूल फांक रहे कंप्यूटर

आइसीटी योजना के बंद होने के बाद नहीं हुआ कंप्यूटरो का प्रयोग

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 07:04 AM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 07:04 AM (IST)
एडेड स्कूलों में धूल फांक रहे कंप्यूटर
एडेड स्कूलों में धूल फांक रहे कंप्यूटर

संवाद सहयोगी, हाथरस : स्कूली बच्चों के लिए कंप्यूटर शिक्षा बेहद महत्वपूर्ण है। सीबीएसई बोर्ड में तो कक्षा तीन से ही एक विषय के तौर पर यह पढ़ाया जाता है और प्रेक्टिकल भी कराया जाता है, मगर माध्यमिक शिक्षा परिषद के एडेड स्कूलों में कंप्यूटर धूल फांक रहे हैं। कंप्यूटर शिक्षा दिलाने के लिए चालू की गई सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आइसीटी) योजना को सरकार ने पांच साल पहले ही बंद कर दिया था। अब विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा पाने के लिए निजी सेंटर का रुख करना पड़ रहा है।

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यह थी योजना

वर्ष 2010 में जिले के 55 एडेड विद्यालयों में से 48 में केंद्र सरकार की आइसीटी योजना के तहत कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए थे। साथ में यूपीएस, कंप्यूटर टेबल आदि सामान भी उपलब्ध कराया गया था। प्रत्येक विद्यालय में संविदा पर एक कंप्यूटर शिक्षक की तैनाती की गई थी। कंप्यूटर शिक्षा स्कूल में ही उपलब्ध होने पर विद्यार्थी भी काफी खुश थे। छह साल बाद योजना बंद :

वर्ष 2016 तक योजना का बेहतर तरीके से संचालन हुआ। नियमित स्कूलों के बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा मिल रही थी। बच्चों को जो कोर्स बाहर पैसे देकर सीखना पड़ता था, उसे वे निशुल्क स्कूल में ही पा रहे थे, लेकिन अचानक वर्ष 2016 में आइसीटी योजना को बंद कर दिया गया। संविदा पर रखे गए शिक्षकों को भी निकाल दिया गया। इसको लेकर शिक्षकों ने संघर्ष भी किया, लेकिन सरकार ने सुनवाई नहीं की। जिला विद्यालय निरीक्षक स्तर से भी पत्राचार किया गया, फिर भी योजना शुरू नहीं की गई। अब महंगी फीस देकर पा रहे शिक्षा :

सरकार जहां डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत मिशन, स्किल इंडिया, प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन जैसे कई कार्यक्रम चला रही है, वहीं आइसीटी योजना बंद होने पर चुप्पी साधे हुए है। गरीब तबके के बच्चे फीस न जुटा पाने के कारण कंप्यूटर शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं, जबकि बेहतर भविष्य के लिए कंप्यूटर शिक्षा का महत्वपूर्ण है। वर्जन-

कंप्यूटर स्कूल में रखे हुए धूल फांक रहे हैं। कंप्यूटर शिक्षा का लाभ लेने के लिए कंप्यूटर सेंटर पर जाना पड़ता है। महंगी फीस सेंटर पर ली जाती है।

-सीमा, रामबाग इंटर कॉलेज योजना काफी उपयोगी थी, लेकिन सरकार ने उसे बंद कर दिया। बाजार में कंप्यूटर सेंटरों पर अधिक फीस ली जाती है। इसलिए कंप्यूटर शिक्षा नहीं ले पा रहे। योजना चालू करनी चाहिए।

-संजय, अक्रूर इंटर कॉलेज

सिस्टम की सुनो

योजना सरकार ने शुरू की थी और बाद में उसे बंद कर दिया गया। जिन विद्यालयों में कंप्यूटर लगे थे, उनके प्रधानाचार्यों को पूर्व में ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे अपनी जिम्मेदारी पर कंप्यूटर का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को दिलाएं।

सुनील कुमार, डीआइओएस, हाथरस।


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