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संभलकर चलें, बड़े जोखिम हैं इस राह में

आजकल शहर की सड़कों पर चलना जोखिम भरा है। इस जोखिम के लिए कोई और नहीं संबंधित विभाग ही जिम्मेदार हैं। कहीं पुलिया टूटी है तो कहीं रेलिंग रहित है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 03:37 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 03:37 AM (IST)
संभलकर चलें, बड़े जोखिम हैं इस राह में
संभलकर चलें, बड़े जोखिम हैं इस राह में

जासं, हाथरस : आजकल शहर की सड़कों पर चलना जोखिम भरा है। इस जोखिम के लिए कोई और नहीं संबंधित विभाग ही जिम्मेदार हैं। कहीं पुलिया टूटी है तो कहीं रेलिंग रहित है। कहीं सड़क से ऊंचे सीवर के मैनहोल हैं तो कहीं टेलीफोन केबल के जंक्शन बॉक्स के पत्थर राह में बाधा पहुंचा रहे हैं। वाहन चालकों को घायल कर देते हैं। बानगी के तौर पर शहर में कुछ टूटी पुलिया और सड़क से ऊंचे मैन होल का हम जिक्र कर रहे हैं।

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केस-1 : मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के सामने एक सीवर मैनहोल ऐसा, जो सड़क से ऊंचा है। पास में ही हेड पोस्ट ऑफिस है। पास में कई नर्सिंग होम भी हैं। इसके कारण यहां लोगों की आवाजाही ज्यादा रहती है। दिन छिपते ही दिखाई नहीं देता है। रात में चलने वाले वाहन अक्सर इससे टकरा जाते हैं।

केस-2 : कमला बाजार में सड़क के बीचोंबीच नाले पर पत्थर नहीं है। रात के वक्त दिखाई नहीं देता है। यह बाजार शहर के व्यस्ततम बाजारों में से एक है। यहां देर रात तक आवाजाही रहती है। कई बार दो पहिया वाहन वाले गिर कर घायल हो चुके हैं।

केस-3 : मेंडू गेट चौराहे पर टेलीफोन विभाग का जंक्शन बॉक्स बना हुआ है। इस पर रखे स्लैब सड़क के लेवल से ऊंचे हैं। रात के समय ये स्लैब दिखाई नहीं देते हैं। इससे हादसे होते रहते हैं।

केस-4 : अलीगढ़ रोड पर इंडस्ट्रियल एरिया में पुलिस चौकी के पास नाले पर पत्थर हटे हुए हैं। उन पत्थरों को होल के बराबर रख दिया गया है, ताकि होल दिखाई नहीं दे जबकि रात के वक्त जब कोई कार या दोपहिया वाहन वाला जाता है तो उससे टकरा जाता है।


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