आचार संहिता हटी, पटरी पर विकास
नए कार्यों को शुरू करने के लिए अब नहीं लेनी होगी कोई अनुमति पंचायत चुनाव की अधिसूचना के साथ लग गई थी आचार संहिता।
जागरण संवाददाता, हाथरस : पंचायत चुनाव की तारीखों का एलान होते ही हाथरस समेत सभी जिलों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी। मतगणना के बाद पांच मई को आचार संहिता हटा ली गई। ऐसे में नए विकास कार्यों को रफ्तार मिलेगी। जिन कार्यों को आचार संहिता के कारण शुरू नहीं कराया गया था, वे फिर शुरू हो सकेंगे। हालांकि पहले से चल रहे कार्यों पर कोई रोक नहीं थी। तमाम तबादले भी आचार संहिता के दौरान नहीं हो सकते थे, मगर वे भी हो सकेंगे।
आचार संहिता का पालन चुनाव परिणाम आने तक करना होता है। इसके उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई का डर सताता रहता है।
सामान्यत: स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग आदर्श आचार संहिता लागू करता है। इसके लागू होते ही शासन-प्रशासन के कामकाज के तरीके में कई अहम बदलाव हो जाते हैं। आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी धन का इस्तेमाल किसी ऐसे काम में नहीं किया जा सकता जिससे किसी दल विशेष को फायदा पहुंच सकता हो। इस दौरान सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास और भूमिपूजन जैसे कार्यक्रम भी नहीं किए जा सकते। चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ी, सरकारी आवास का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली-जुलूस निकालने के लिए या सभा करने के लिए प्रशासन से इजाजत लेना होता है। राजनीतिक कार्यक्रमों पर चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों की न•ार रहती है। अब दौड़ेगा विकास रथ
जनपद में तमाम पंचायतघर और शौचालय के अलावा खेल मैदान भी बनाए जाने थे, मगर आचार संहिता के कारण नहीं बन सके। 25 दिसंबर से गांव की पंचायतों का काम भी रुका हुआ है। वही कार्य हो रहे थे जो कई महीने पहले से चल रहे थे। 26 मार्च को आचार संहिता लागू कर दी गई थी। 15 अप्रैल को वोट डाले गए और दो मई को मतगणना हुई। परिणाम आने के बाद आचार संहिता हटा दी गई। वर्जन
पंचायत चुनाव की मतगणना के साथ ही आचार संहिता भी हटा दी गई है। आचार संहिता हटने के बाद अब विकास कार्य पटरी पर लौट सकेंगे।
जेपी सिंह, एमडीएम राजस्व एवं वित्त हाथरस।