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दिनभर छाये रहे बादल, बूंदाबांदी ने बढ़ाई सर्दी

निकटवर्ती जिलों में बारिश होने के चलते पूरे दिन चलती रहीं ठंडी हवाएं मौसम के सर्द होने से धुंध रूपी प्रदूषण से मिल गई है मुक्ति

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 01:16 AM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 06:21 AM (IST)
दिनभर छाये रहे बादल, बूंदाबांदी ने बढ़ाई सर्दी

संवाद सहयोगी, हाथरस : दिन भर बादलों के छाये रहने से मौसम में ठंडक दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। गुरुवार को हुई हल्की बूंदा-बांदी के चलते सर्दी बढ़ गई। हालांकि धुंध के छंटने के कारण लोगों को प्रदूषण से मुक्ति मिली है मगर अब बादलों के डेरा जमा देने से सूर्य देव जल्दी ही छिप गए।

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बादलों के घेरे चलते गुरुवार को मौसम खराब रहा। दिन में कई बार हल्की बूंदा-बांदी भी हुई। इसके चलते मौसम में ठंडक और बढ़ गई। हालांकि पिछले कई दिनों से आसमान में बादल छाये हुए हैं। इससे धुंध के प्रदूषण से तो मुक्ति मिली है पर मौसम की ठंडक लोगों के लिए परेशानी बढ़ाने लगी है। बताते हैं कि अलीगढ़ व आसपास के जिलों में बारिश होने के कारण दिनभर ठंडी हवायें चलती रहीं। पूरे दिन आसमान पर मंडराते हुए बादल लोगों को बदलते हुए मौसम की चेतावनी भी देते रहे। रात्रि में भी इन दिनों ठंडक बढ़ गई है। मौसम ऐसा ही रहा तो कुछ दिनों के बाद कोहरा भी असर दिखाने लगेगा।

सिकंदराराऊ : सर्द हवाओं ने गुरुवार को लोगों को ठंड का अहसास कराया। पंखा व कूलर चलाकर सोने वाले भोर में चादर तानने के लिए मजबूर हो गए। सूर्यनारायण बादलों की ओट में छिपे रहे। तापमान में भी गिरावट रही। मौसम के बदलते रुख को देखते हुए लोग गरम कपड़ों की धुलाई शुरू करा दी है। जो लोग धुलाई कराकर रखे थे। वे उसे धूप दिखाकर पहनने की बात कर रहे हैं। कुछ लोगों ने गरम कपड़ों की खरीदारी भी शुरू कर दी है। बच्चों के लिए नए वस्त्रों की खरीदारी की जा रही है

मच्छरों से रहें सावधान

संक्त्रमण काल में मच्छरों का प्रकोप अचानक बढ़ गया है। इसलिए इस मौसम में खान-पान, आचार-व्यवहार के साथ ही साफ.-सफाई पर भी ध्यान देना चाहिए। साफ.-सफ ाई नहीं होने की स्थिति में डेंगू भी फैल सकता है। मौसम में हर-हाल में मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए। मच्छरों के कारण संक्त्रामक बीमारिया हो सकती हैं। इसके लिए सबसे जरूरी है कि अपने आसपास गंदगी नहीं होने दें। दमा-कोल्ड एलर्जी के मरीज बरतें सावधानी

डॉ.संजय सिंह का कहना है कि इस मौसम में दमा व कोल्ड एलर्जी के मरीजों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसे समय में इन बीमारियों का प्रभाव ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए इससे प्रभावित होने वाले मरीजों को चाहिए कि वे अपनी जीवन शैली को संयमित रखें। ठंड से बचने की कोशिश करें। वे यह नहीं समझें कि अभी उतनी ठंड नहीं आई है।


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