पॉलीथिन से मुक्ति का अभियान जल्द
संवाद सहयोगी, हाथरस : शहर को पॉलीथिन से मुक्त करने के लिए एक बार फिर अभियान चलने जा रहा है। प्रशासन
संवाद सहयोगी, हाथरस : शहर को पॉलीथिन से मुक्त करने के लिए एक बार फिर अभियान चलने जा रहा है। प्रशासन के आदेश पर नगर पालिका हाथरस अभियान की तैयारी में जुट गई है। नगर पालिका के अधिकारियों के मुताबिक अभियान से पहले बाजार में मुनादी कराकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। कार्रवाई से पहले पॉलीथिन का प्रयोग रोकने के लिए दुकानदारों को दो दिन का समय दिया जाएगा। इसके बाद पॉलीथिन मिलने पर उसे जब्त कर जुर्माना ठोंका जाएगा।
मालूम हो कि 50 माइक्रॉन से पतली पॉलीथिन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इसमें प्लास्टिक की थैलियां भी शामिल हैं। इसके अलावा निमंत्रण पत्र, किताबों और पत्रिकाओं को बांधने में प्रयोग की जाने वाली पारदर्शी या अन्य तरह की पॉलीथिन भी प्रतिबंधित है। सरकार पहले ही सभी शासकीय दफ्तरों में पॉलीथिन का प्रयोग प्रतिबंधित कर चुकी है। रंगीन पॉलीथिन ज्यादा खतरनाक
पॉलीथिन कचरे से देश में हर साल लाखों जीवों की मृत्यु हो जाती है। पॉलीथिन से लोगों में बीमारियां फैल रही हैं, जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है तथा भूगर्भीय जल दूषित हो रहा है। रंगीन पॉलीथिन को रिसाइकिल करने से पर्यावरण को ज्यादा नुकसान पहुंचता है। रंगीन पॉलीथिन में लेड, कार्बन, क्रोमियम, कॉपर आदि होता है जो स्वास्थ्य के लिए घातक है। खाद्य पदार्थों को ले जाने के लिए पॉलीथिन बैग पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
पॉलीथिन जीवन के लिए खतरा
-पॉलीथिन का कचरा जलाने पर कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें निकलती हैं।
-पॉलीथिन कभी नष्ट नहीं होती इसलिए यह जमीन की उर्वराशक्ति को नुकसान पहुंचाती है।
-पॉलीथिन में मौजूद केमिकल पैंक्रियाज और लीवर को प्रभावित करते हैं, जिससे डायबिटीज, कैंसर, अस्थमा आदि बीमारियों का खतरा रहता है।
-पॉलीथिन कचरे के साथ जमीन में दबकर वर्षा जल को भूगर्भ तक नहीं पहुंचने देती।
-पॉलीथिन में मौजूद विषैले तत्व खाद्य पदार्थों को विषैला बना देते हैं।