भारत-पाक मैच से पहले सट्टेबाजों के चौके-छक्के शुरू
भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के बाद एशिया कप-2018 में लग रहा लाखों रुपये का सट्टा -भारत-पाक के मैच को लेकर शहर में कई जगह सक्रिय हुए बुकी -अफगानिस्तान-श्रीलंका के मैच में भी सट्टा, 90-95 तक पहुंचा भाव
कमल वाष्र्णेय, हाथरस :
क्रिकेट के सट्टे का हब बन चुके हाथरस शहर में इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) ही नहीं, बल्कि अब हर टेस्ट सीरीज, वन-डे व टी-20 में सट्टा लगता है। भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में शहर में लाखों रुपये का सट्टा लगा और अब एशिया कप-2018 में भी शहर में जगह-जगह सट्टेबाजी हो रही है। बांग्लादेश-श्रीलंका के बीच खेले गए पहले ही मैच के दौरान जिले में लगभग 50 लाख रुपये का सट्टा लगा। बांग्लादेश की 137 रन से जीत ने बुकी संचालकों की बल्ले-बल्ले कर दी।
संट्टे का कारोबार : पिछले एक दशक में जिले में क्रिकेट सट्टे का कारोबार पनपा है। सट्टा लगाने के तरीके में काफी बदलाव आया है। बुकी व सट्टा लगाने वाले आधुनिक हो गए हैं। पूरा कारोबार अब मोबाइल फोन पर शिफ्ट हो चुका है। कारोबार के फलने-फूलने की वजह पुलिस की निष्क्रियता है। मुखबिर न होने व सर्विलांस कमजोर होने के कारण बुकी पकड़ में नहीं आते। पिछले साल 23 अप्रैल 2017 को सादाबाद में आइपीएल के दौरान दो बुकी संचालक पकड़े गए थे। इसके बाद 18 जून 2017 को भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान साकेत कॉलोनी में भाजपा नेत्री के घर पर सट्टा पकड़ा गया। यहां मैंडू गेट के दो युवकों को गिरफ्तार किया गया था। इस साल आइपीएल में करोड़ों रुपये का सट्टा लगा, लेकिन पुलिस एक भी कार्रवाई नहीं कर सकी, जबकि शहर में तीन दर्जन से अधिक बुकी संचालक हैं। इस बार एक अगस्त से 11 सितंबर तक हुई भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरज में जमकर सट्टा लगा। अब बुकी व उनके ग्राहक एशिया कप में मशगूल हैं। 15 से 28 सितंबर तक मैच होंगे। ऐसे लग रहा सट्टा :
बुकी संचालकों के ग्राहक सेट हैं। अपने परिचितों को ही ये लोग सट्टा लगवा रहे हैं। मैच में हार जीत का भाव तय है। दो टीम में से एक मजबूत टीम को फेवरेट बोला जाता है। सट्टा में दो शब्दों का प्रयोग होता है 'खाया' और 'लगाया'। यदि भाव 50-55 है तथा सट्टेबाज फेवरेट टीम पर सौ रुपये लगाता है। जीत की स्थिति में उसे 50 रुपये मिलेंगे। यदि टीम हारती है तो सौ रुपये पर 50 रुपये ही चुकाने होंगे। फेवरेट टीम पर लगाने की बजाय सट्टेबाज इस टीम पर खाता है और दूसरी टीम को सपोर्ट करता है। इस स्थिति में सट्टेबाज के जीतने पर उसे पूरे सौ रुपये मिलते हैं तथा हारने पर पूरे सौ रुपये ही देने पड़ते हैं। आधुनिक हुई सट्टेबाजी
बुकी संचालकों पर पहले एक की-पैड मोबाइल हुआ करता था, जिसे डिब्बा कहा जाता था। इस फोन पर एक व्यक्ति लगातार भाव बोलता रहता था। इसे सुनकर बुकी सट्टा लगवाते थे। अब डिब्बा प्रथा बंद हो चुकी है। अब सीधे मोबाइल पर भाव पता किए जाते हैं। सट्टेबाज भी बुकी के पास नहीं जाते, वे भी फोन के जरिए सट्टा लगाते हैं। बुकी संचालक इसके लिए चु¨नदा कंपनियों के की-पैड मोबाइल प्रयोग करते हैं, जिनमें रिकॉर्डिंग की व्यवस्था हो। फोन पर बुकी व सट्टा लगाने वाले एक-दूसरे का नाम नहीं लेते। हर बुकी व सट्टेबाज का कोड-नेम होता है, जिसे मोबाइल में फीड कर लिया जाता है। सट्टेबाज अपना कोड नाम बोलता है और सट्टा लगाकर फोन काट देता है।
मोबाइल-एप भी आए :
अब हर जगह मोबाइल एप्लीकेशन का प्रयोग हो रहा है। क्रिकेट सट्टे के लिए भी एप्लीकेशन्स आ चुकी हैं, जिन्हें प्ले-स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इनमें क्रिकेट लाइव लाइन, क्रिकलाइन, क्रिक-बज आदि एप हैं। टीवी पर लाइव दो गेंद पीछे होता है, लेकिन इस एप्लीकेशन पर लाइव का मतलब लाइव है। हर गेंद व रन के साथ भाव की भी जानकारी मिल जाती है। अफगानिस्तान-श्रीलंका
के मैच पर लगा सट्टा
एशिया कप-2018 के अंतर्गत सोमवार को तीसरा मैच अफगानिस्तान व श्रीलंका के बीच हुआ। अफगानिस्तान ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी की। इस मैच की फेवरेट टीम श्रीलंका रही। शुरुआत में भाव 56-58 था, जो कि अफगानिस्तान की खराब बल्लेबाजी के कारण 90-95 तक पहुंचा। बीच में बल्लेबाजी में सुधार होने पर अफगानिस्तान फेवरेट टीम भी बनी, लेकिन कुछ क्षण के लिए। बाद में फिर स्थिति पलटी और श्रीलंका फेवरेट हुई। इस तरह अंत तक रनों के आधार उतार-चढ़ाव चलता रहा तथा लाखों रुपये का सट्टा लगा। बुकी अब 19 सितंबर को होने वाले भारत-पाक मैच की तैयारी कर रहे हैं। इस मैच में करोड़ों रुपये का सट्टा हाथरस जिले में ही लग जाता है। इन इलाकों में बुकी संचालक
शहर में मुरसान गेट, ईदगाह के पास, जागेश्वर, मुरसान गेट भैरव मंदिर के पास, मधुगढ़ी रेलवे लाइन के पास, दिल्ली वाला चौक, रूई की मंडी, मैंडू गेट, नया मिल, नयाबांस, कांशीराम कॉलोनी, नवल नगर, कमला बाजार आदि इलाके हैं। कई बुकी ऐसे हैं जो शहर के आसपास खेतों में चले जाते हैं तथा वहां से सट्टेबाजी करते हैं। इनका कहना है
क्रिकेट सट्टेबाजों पर हर वक्त नजर रहती है। इस बार भी क्राइम ब्रांच व सर्विलांस टीम को लगाया है। मुखबिर भी दौड़ाए गए हैं। खुफिया एजेंसी भी सक्रिय हैं। पुरानी कार्रवाइयों को देखते हुए बुकी संचालकों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।
सिद्धार्थ वर्मा, एएसपी