सांसद का एक साल: मांगें तो उठाईं, नहीं निकला निष्कर्ष
सब हेड सांसद ने यातायात ट्रेन स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दों पर सबंधित मंत्रियों से की मुलाकात आस खारे पानी की समस्या को सदन में उठाकर बांधी उम्मीद पूर्वोत्तर-उत्तर मध्य रेलवे ट्रैक जुड़ जाए तो मिलेगी बात
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : केंद्र में मोदी सरकार 2.0 को आज एक वर्ष हो गया है। इसके साथ ही सांसद राजवीर दिलेर के कार्यकाल का पहला साल भी खत्म हो चुका है। एक साल में सांसद ने अपने लोकसभा क्षेत्र के कुछ मुद्दे सदन से लेकर मंत्रियों तक उठाए लेकिन उनके पूरा होने का इंतजार आज भी हैं। दैनिक जागरण के घोषणा पत्र के कुछ मुद्दों पर काम किया। जनता के बीच में भी रहे, लेकिन एक वर्ष में हाथरस को कुछ खास हासिल नहीं हुआ है। सांसद के प्रयासों से जनता कुछ संतुष्ट तो है लेकिन इनके पूरे होने तक ढंग से पैरवी की उम्मीद कर रही है। लोकसभा क्षेत्र लोगों का मनाना है कि अगर सांसद लगातार पत्राचार करते रहें और बार-बार स्थानीय मुद्दों को उठाते रहें तो जल्द ही हाथरस की झोली में बड़ी उपलब्धि हासिल होगी।
दैनिक जागरण ने सौंपा था मांगपत्र
दैनिक जागरण ने लोकसभा क्षेत्र के नागरिकों से चर्चा कर यहां के प्रमुख मुद्दों पर मांगपत्र तैयार किया था। इसमें केंद्र, राज्य सरकार से जुड़े हुए स्थानीय मुद्दों को शामिल किया गया था। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाइकोर्ट बैंच की स्थापना, हाथरस शहर के कारोबार, यातायात की सुविधाएं, गांवों में खारा पानी, रिग रोड, आलू किसान का मुद्दा, इंजीनियरिग और मेडिकल कॉलेज, ट्रांसपोर्ट नगर, छुट्टा गोवंश जैसे प्रमुख मुद्दे शामिल थे। सांसद ने खारे पानी की समस्या को सदन में उठाया। शताब्दी और अन्य ट्रेनों के ठहराव हाथरस जंक्शन और हाथरस सिटी पर ठहराव की मांग को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल से मिले। मेडिकल कॉलेज के लिए सीएम को पत्र लिखकर मांग की। केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से भी मुलाकात की। रिग रोड, आलू किसानों समेत अन्य मुद्दे अभी अछूते हैं।
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मांग पूरी होने पर मिलेगी राहत
हाथरस लोकसभा क्षेत्र के सिकंदराराऊ, सादाबाद, इगलास विधानसभा क्षेत्र में सैकड़ों गांवों में खारे पानी की समस्या है। यह समस्या विकराल है। इसके लिए कुशल पैरवी की जरूरत है। सदन में समस्या उठाने के बाद अब सांसद को लगातार इसकी पैरवी करनी होगी तब ही इस समस्या का निदान संभव है।
-- पूर्वोत्तर-उत्तर मध्य रेलवे ट्रैक जुड़े तो बने बात
रेल मंत्री से मिलकर पूर्वोत्तर रेलवे के मथुरा-कासगंज ट्रैक और उत्तर मध्य रेलवे के दिल्ली-हावड़ा ट्रैक को जोड़ने की मांग सासंद कर चुके हैं। उत्तर मध्य रेलवे के जीएम और डीआरएम को विधायक हरीशंकर माहौर, नगर पालिका अध्यक्ष आशीष शर्मा ने भी पत्र सौंपकर यह मांग उठाई थी। हाथरस जंक्शन और मेंडू के बीच के इस 800 मीटर के ट्रैक जुड़ने से हाथरस का कायाकल्प हो सकता है। वहीं पर्यटन की दृष्टि से मथुरा से सीधा जुड़ाव हो सकता है। अभी तक नहीं खुला कार्यालय
हाथरस लोकसभा से सांसद बनने के एक वर्ष पूरा होने के बाद भी जिला मुख्यालय पर उनका कोई कार्यालय नहीं हैं। इससे फरियादी उन तक नहीं पहुंच पाते। सदन न होने पर सप्ताह में अलग-अलग दिनों में हाथरस, सादाबाद, सिकंदराराऊ, इगलास और छर्रा विधानसभा क्षेत्रों में समस्याएं तो सुनते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में कुछ ही फरियादी यहां पहुंच पाते हैं। अगर जिला मुख्यालय पर उनका कार्यालय खुले तो लोग समस्याओं को उन तक पहुंचा सकेंगे।
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हाथरस की टीस
मोदी सरकार 2.0 को जहां एक वर्ष पूरा हो चुका है वहीं दो माह पहले योगी सरकार के तीन वर्ष पूरे हुए थे। हाथरस में हमेशा से ही भाजपा का दबदबा रहा है। पिछले तीन दशकों से यहां से लोकसभा चुनाव में भाजपा ही जीतती रही है। इसके बाद भी भाजपा ने हाथरस को कुछ खास नहीं दिया है। यहां के किसी भी नेता को केंद्र या राज्य के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। यह टीस आज भी बरकरार है। हाथरस के विकास से अछूते रहने की एक वजह यह भी है।