विदेशों में नाम रोशन कर रहीं अर्चना
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज की छात्रा अमेरिका तक खेल चुकी है फ्लेग फुटबाल बेटियां शुभकामनाएं हैं अपने यहां फ्लेग फुटबाल का अछा मैदान और सुविधाएं न होने से चिंतित अब अर्चना के पिता बेटी के प्रशिक्षण के लिए छह बीघा में बना रहे मैदान
प्रमोद सिंह, हाथरस :
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज लेबर कॉलोनी में कक्षा 11 की छात्रा फ्लैग फुटबाल की बेहतर खिलाड़ी हैं। अमेरिका में वे भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं, लेकिन अपने यहां अच्छा मैदान और सुविधाएं न होने से चिंतित हैं। ऐसी स्थिति में अब उनके पिता बेटी के प्रशिक्षण के लिए मैदान बनवा रहे हैं।
संक्षिप्त परिचय :
अलीगढ़ रोड स्थित चमन विहार कॉलोनी के धर्मेश शर्मा पेशे से होमगार्ड हैं। परिवार में पत्नी के अलावा पांच बेटे तथा एक बेटी है। बेटी अर्चना को बचपन से ही खेलने का शौक था। बेटी के शौक को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, ताकि बेटी देश और अपने जिले का नाम विश्व पटल पर रोशन कर सके।
अमेरिका तक दिखाई प्रतिभा :
पिछले साल अक्टूबर में जयपुर में यूपी स्टेट की फ्लैग फुटबॉल प्रतियोगिता हुई थी जिसमें जूनियर वर्ग में अर्चना शर्मा का चयन हुआ। यूपी लेवल पर हुई प्रतियोगिता में बेस्ट खिलाड़ी का पुरस्कार मिला। 11 से 29 जनवरी 2019 तक अमेरिका में फ्लोरिडा के कीवेंस स्टेडियम में हुई इंटरनेशनल प्रतियोगिता में देश की 22 बेटियों ने प्रतिभाग किया था, जिसमें हाथरस से अर्चना का नाम भी शामिल था। भारतीय टीम के खिलाड़ियों का प्रदर्शन वहां सराहा गया, लेकिन ट्रॉफी पर कब्जा टीम नहीं कर सकीं।
जाने से पहले हुआ था स्वागत :
अमेरिका जाने से पहले इस खिलाड़ी का पूरे शहर में स्वागत हुआ था, जिसमें बैंड आगे चल रहा था, पीछे खुली जीप में छात्रा बैठी थी। भाजपा नेताओं ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। छात्रा को रवाना करने के लिए कॉलेज के शिक्षक बाईपास तक गए थे। इस दौरान सिकंदराराऊ के भाजपा विधायक वीरेंद्र सिंह राणा, नगर पालिका अध्यक्ष आशीष शर्मा, संस्था के प्रबंधक रामवीर सिंह दादू एडवोकेट आदि मौजूद रहे थे।
मैदान के अभाव में दिक्कतें :
शहर में खेल प्रतिभाओं को अपना खेल निखारने के लिए मैदान का अभाव खलता है। शहर में एकमात्र मैदान बागला इंटर कॉलेज का है। फ्लैग फुटबॉल का मैदान न होने के कारण तमाम परेशानियां अर्चना को भी झेलनी पड़ी। अब पिता गांव हतीसा में छह बीघा जमीन पर मैदान तैयार करा रहे हैं ताकि भविष्य में उनकी बेटी व अन्य खिलाड़ी वहां प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।
गोल्ड जीतने का है सपना :
अपनी पढ़ाई के साथ-साथ महिला खिलाड़ी का अधिकतर समय मैदान पर अभ्यास करते हुए ही गुजरता है। फ्लेग फुटबाल के अलावा महिला खिलाड़ी एथलीट भी है। 100, 200 और 400 मीटर की दौड़ की तैयारी कर रही है। अर्चना ने बताया कि उसका सपना है विदेशी धरती पर देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना। क्या है फ्लैग फुटबाल
फ्लैग फुटबाल रग्बी की तरह का खेल है, जिसमें खिलाड़ी गेंद को हाथों में लेकर गोल करने के लिए जाते हैं। दोनों टीमों के खिलाड़ियों की कमर में फ्लैग लगे रहते है। गोल होने से पहले फ्लैग खिलाड़ियों की कमर से खींचने होते हैं।