जमातियों की हिस्ट्री खंगालने में जुटा प्रशासन
अलर्ट - चार केसों के पॉजिटिव आने के बाद प्रशासनिक अफसरों में बढ़ी है बेचैनी - हाथरस सासनी आए जमाती कब किससे मिले कुंडली खंगाल रहीं हैं टीमें
जागरण संवाददाता, हाथरस : सासनी में चार जमातियों को कोरोना वायरस की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अब प्रशासन इन जमातियों की हिस्ट्री खंगालने में जुट गया है ताकि ये पता लगाया जा सके कि इन जमातियों से कोरोना का वायरस किन गली और मोहल्लों के अलावा गांव तक पहुंचा। ये जमाती हाथरस के लाला नगला के बाद सासनी की मस्जिदों में रुके थे व निजामुद्दीन के जमातियों के संपर्क में रहे थे।
दिल्ली से ऐसे आए थे हाथरस
दिल्ली के मरकज की मस्जिद से ट्रेन द्वारा 11 मार्च को हाथरस के लाला के नगला में आए, 12 मार्च को हाथरस से टैंपो से सासनी आए और गांव उसबा में रुके वहां से 18 मार्च को सासनी की जामा मस्जिद में रुके वहां से 27 मार्च को सासनी बिजली घर मस्जिद में पहुंचे थे और 31 मार्च को पुलिस ने सूचना पर वहां से 32 जमातियों को पकड़ लिया, तब से केएल जैन में बने वार्ड में रखे हुए थे। जिनमें चार जमातियों की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई।
लाला नगला को भूल गया प्रशासन
इन जमातियों का पहला ठहराव हाथरस के नगला लाला में हुआ था, इसके बाद ही वह सासनी गए थे। मगर हैरानी की बात ये है कि इनमें से प्रशासन की ओर से लाला नगला में न तो सैनिटाइज कराया गया और न नगला लाला को अलर्ट किया गया।
सासनी व हाथरस में घूमे जमाती
जमातियों की टोली पहले हाथरस और फिर सासनी में रुके तो जाहिर है जमाती बाजार में घूमे फिरे होंगे। जानकारी मिल रही है जमातियों की टोली हाथरस में कई जगह और सासनी के कई गांव में भी घूमी थी। बड़ा सवाल ये है कि सासनी और हाथरस के वह कौन लोग थे जिनके संपर्क में ये सब जमाती सबसे पहले आए।
वर्जन
जिन जमातियों को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है वह किसके-किसके संपर्क में आए, प्रशासन इसकी जानकारी जुटाने में लगा है और प्रयास किया जा रहा है कि जमाती कब और कहां और कितने समय के लिए रुके थे।
प्रवीण कुमार लक्षकार, डीएम हाथरस।