सामूहिक विवाह के फर्जीवाड़ा में 8.40 लाख रुपये की वसूली होगी
जांच में ग्राम पंचायत बहरदोई के 21 लाभार्थी पाए गए थे फर्जी जैसी करनी पंचायत अधिकारियों ग्राम प्रधान व लाभार्थियों को देनी होगी धनराशि अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं
जासं, हाथरस : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा करने के मामले में बहरदोई ग्राम पंचायत के चार अधिकारी व ग्राम प्रधान फंस गए हैं। जिलाधिकारी ने पांचों के साथ-साथ 21 लाभार्थियों से वसूली के आदेश दिए हैं। सभी से 8.40 लाख रुपये की रिकवरी की जाएगी। एक माह के भीतर धनराशि जमा नहीं करने पर एफआइआर दर्ज करने की चेतावनी दी है।
पिछले वर्ष सहपऊ ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत कई दर्जन जोड़ों की शादी कराई गई थी। इसके लाभार्थियों में कई लोग फर्जी दूल्हा-दुल्हन बनकर शामिल हुए थे। योजना के अनुसार लाभार्थियों को 20 हजार रुपये नकद और गृहस्थी का सामान दिया गया था। इस समारोह में ऐसी युवतियों की शादी भी हुईं जो आज भी गांव में अविवाहित हैं। वहीं कई जोड़े ऐसे मिले, जिनके विवाह आयोजन के कई माह बाद हुए। इतना ही नहीं कुछ महिलाएं ऐसी थीं जो कि पहले से चार-पांच बच्चों की मां हैं।
समारोह में फर्जी जोड़ों के शामिल होने के संबंध में गांव के ही एक व्यक्ति ने डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र भेजकर शिकायत की थी। शिकायत के बाद समाज कल्याण अधिकारी ने गांव में पहुंचकर जांच पड़ताल की तो वे चौंक गए। जांच में शिकायत सही पाई गई। अब जिलाधिकारी ने इस संबंध कार्रवाई की है। जांच में एडीओ समाज कल्याण, दो ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम प्रधान की संलिप्तता सामने आई थी। इसके साथ ही 21 लाभार्थी ऐसे मिले हैं जिन्होंने फर्जीवाड़ा किया है। जिलाधिकारी ने गबन की गई कुल धनराशि 8.40 लाख रुपये की वसूली के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं। इस धनराशि को सभी लाभार्थी और अधिकारी मिलकर चुकाएंगे। कुल धनराशि का 25-25 प्रतिशत भाग अधिकारियों और लाभार्थियों को सरकारी कोष में जमा कराना होगा। एक माह के भीतर यह धनराशि जमा नहीं करने पर सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।